Monday 8 May 2017

कविता. १३९८. हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है।

                                      हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे सुनने कि फुरसत ना हम को है ना उसे सुनाने कि फुलों को होती है यही जीवन कि कहानी होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई कहानी अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि अहमियत ना हम को है ना उसे सुनाने कि इशारों को होती है यही जीवन कि प्यास होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई दास्तान अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि जरुरत ना हम को है ना उसे सुनाने कि जरुरत हवाओं को होती है यही जीवन कि धारा होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई बात अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि आस ना हम को है ना उसे सुनाने कि चाहत फूलों को होती है यही जीवन कि कोशिश होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई समझ अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि परख ना हम को है ना उसे सुनाने कि दिशाए फूलों को होती है यही जीवन कि आशाए होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई दिशा अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि पुकार ना हम को है ना उसे सुनाने कि जरुरत होती है यही जीवन कि रीत होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई बात पिछे छूँट जाने पर अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि निशानी ना हम को है ना उसे सुनाने कि आदत फूलों को होती है यही जीवन कि रफ्तार होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई आवाज अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि सोच ना हम को है ना उसे सुनाने कि सोच फूलों को होती है यही जीवन कि आस होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई प्यास अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि परख ना हम को है ना उसे सुनाने कि अहमियत फूलों को होती है यही जीवन कि निशानी होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई निशानी अनसुनी रहती है।
हर फूल कि अपनी कोई कहानी होती है पर उसे समझ लेने कि उम्मीद ना हम को है ना उसे सुनाने कि जरुरत फुलों को होती है यही जीवन कि अनजान कहानी होती है जितनी भी हम समझ ले पर फिर भी कोई सोच अनसुनी रहती है। 

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