Monday 15 May 2017

कविता. १४१३. हर बार फूलों से सवाल करने से

                                                        हर बार फूलों से सवाल करने से|
हर बार फूलों से सवाल करने से जवाबों कि तलाश नही हो पाती है फूलों को बोलने कि आदत कहाँ होती है हर बार जवाबों कि आशाओं को परख लेने कि जरुरत लब्जों के साथ ही दुनिया मे कई बार नजर आ जाती है।
हर बार फूलों से सवाल करने से जीवन कि दास्तान सुलझ नही पाती है कई किनारों से जीवन को जवाब कि तलाश हर बार होती है जिसे पहचान लेने कि जरुरत इशारों के साथ हर मौके को उजाले कि आस के साथ नजर आ जाती है।
हर बार फूलों से सवाल करने से इशारों कि कहानी सुलझ नही पाती है वह बात हर मोड से जीवन को कई एहसासों कि कोशिश मे समझ लेने मे हर बार होती है जो जीवन मे कई कहानियों के संग उम्मीद देकर आगे आ जाती है।
हर बार फूलों से सवाल करने से किनारों कि उलझन सुलझ नही पाती है वह हर इशारे से जीवन को कई किनारों कि मुस्कान मे समझ लेने कि उम्मीद हर बार होती है जो जीवन मे कई किनारों को आशाओं मे आगे चलने मे आ जाती है।
हर बार फूलों से सवाल करने से आशाओं कि जरुरत सुलझ नही पाती है वह हर पहचान से जीवन को कई एहसासों कि दिशाए समझ लेने मे होती है जो जीवन मे कई आवाजों मे कई एहसासों को अंदाजों मे आगे बढने मे आ जाती है।
हर बार फूलों से सवाल करने से जवाबों कि आशाओं के किनारे हम नही पाते है वह हर इशारे को कई उजालों कि आशाओं को समझ लेने मे होती है जो जीवन मे कई कहानियों मे मतलब देती है वह राहों से ही आ जाती है।
हर बार फूलों से सवाल करने से जवाबों कि धाराओं कि आँधी से हमारी किस्मत बच नही पाती है वह हर किनारे कि आशाएँ आगे नही चल पाती है पर जब तक सोच आगे नही बढती तब तक दुनिया रोशनी नही देती है वह हर बार जीवन को किनारों को परखने से ही आ जाती है|
हर बार फूलों से सवाल करने से इशारों कि उम्मीदों कि राह से हमारी उम्मीद बच नही पाती है वह हर राहों कि कहानी को आगे लेकर चल पाती है पर इशारों से पहचान कि बात को आगे चलती हुई उम्मीदे देती है वह हर बार जीवन कि आवाजों को पहचानने से आ जाती है|
हर बार फूलों से सवाल करने से इरादों कि धाराओं कि कहानी से हमारी आशाएँ नही पाती है वह हर कहानियों को मकसद दिलाकर आगे लेकर चल पाती है पर उजालों से परख कि कहानी आगे चलती है वह हर बार दिशाओं कि उम्मीदे दिखाकर आगे आ जाती है|
हर बार फूलों से सवाल करने से पहचान कि उम्मीदों कि कहानी से हमारे मन मे नही आ पाती है वह हर मौके को इरादों कि रोशनी दिलाकर आगे लेकर चल नही पाती है जब तक किनारों से जीवन कि बाते आगे चलती है वह राह पूछकर नही चलकर ही आगे आ जाती है| 

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