Tuesday 25 April 2017

कविता. १३७३. हर सुबह के रंगों को।

                                                 हर सुबह के रंगों को।
हर सुबह के रंगों को अहमियत मिलती है हर कुदरत के बदलाव के संग जीवन कि कहानी बदलती रहती है जो जीवन मे सुबह कि अलग हकीकत हर बार कहती है जो जीवन मे बदलाव कि कहानी को मकसद देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को एहसास कि शुरुआत मिलती है हर इशारे के संग जीवन कि सौगाद बदलती रहती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया हर बार दिखाती है जो जीवन मे कई रंगों कि कहानी को उजाला देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को किनारे मे हर पल रोशनी मिलती है हर उजाले के संग जीवन कि प्यास बदलती रहती है जो जीवन मे कई एहसासों कि पहचान हर बार दिखाती है जो जीवन मे कई एहसासों कि कहानी को मकसद देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को उम्मीद मिलती है हर किस्से के संग जीवन कि पहचान बदलती रहती है जो जीवन मे कई आशाओं कि जरुरत हर बार दिखाती है जो जीवन मे कई राहों कि दिशाए हर मौके को लब्जों से आवाज देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को रोशनी मिलती है हर कुदरत के संग जीवन कि पुकार बदलती रहती है जो जीवन मे कई किनारों कि पहचान हर बार दिखाती है जो जीवन मे कई लब्जों कि पुकार हर जरुरत को इशारों से मतलब देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को आवाज मिलती है हर किस्से के संग दुनिया कि आवाज बदलती रहती है जो जीवन मे कई एहसासों कि दिशाए हर बार दिखाती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया हर मौके को लब्जों से मकसद देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को राहे मिलती है हर खयाल के संग दुनिया कि धाराओं कि पहचान बदलती रहती है जो हर बार दिन के शुरुआत को कई एहसासों से भरती है वह हर हवा के संग कई अंदाज हर पल के साथ देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को नये कोनों कि पुकार मिलती है हर दिशा के संग जीवन कि कहानी एहसास को बदलती रहती है जो हर बार जीवन को कई आशाओं से भरती है वह हर किनारे के संग कई हिस्सों के साथ परख देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को रोशनी मिलती है हर किनारे के संग जीवन कि सौगाद इशारों को बदलती रहती है जो हर बार जीवन को कई सहारों से आगे बढती है वह हर इशारे को अलग रंगों के साथ रोशनी के लिए उम्मीद देकर चलती है।
हर सुबह के रंगों को एहसास कि परख मिलती है हर कुदरत के संग मौसम कि आस जिन्दा रहती है जो हर बार जीवन मे कई एहसासों से आगे बढती है वह हर किस्से को अलग इशारों के साथ रोशनी कि नयी दुनिया देकर चलती है। 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...