Monday 10 April 2017

कविता. १३४२. हर लब्ज को समझ लेते है तो।

                                                    हर लब्ज को समझ लेते है तो।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई किनारों को अलग उजाला मिलता है जो लब्जों के सहारे से जीवन को आगे बढने कि उम्मीदे देता है जिसे हर राह पर समझ लेने कि जरुरत हर मकसद को अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई इशारों को अलग पहचान का इरादा मिलता है जो लब्जों को हर राह को हर लम्हा जिन्दगी देता है जिसे हर मोड पर समझ लेने कि जरुरत नयी दिशाओं को अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई एहसासों को अलग आवाज का इशारा मिलता है वह हर लब्ज के अंदर कई कहानियों के साथ उजाला देता है हर किस्से पर समझ लेने कि जरुरत एहसासों को उजाले को अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई रंगों को अलग पहचान का इरादा मिलता है वह हर खयाल को कई तरह के एहसास देता है हर इशारे पर समझ लेने कि जरुरत जाने क्यूँ मन को हर मौके पर अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई आवाजों को अलग एहसास का इशारा मिलता है जो हर आवाज को अलग किनारा देता है वह एहसासों को अलग किनारों से आगे लेकर चलती है वह मन कि उम्मीदों मे हर राह पर अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई किनारों को अलग इशारों के साथ नयी सुबह का एहसास मिलता है वह हर किनारे को अलग दुनिया के अंदाज के संग नया उजाला दिखाता रहता है उसकी जरुरत अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई उजालों को अलग इरादों के साथ नयी पहचान का इतबार मिलता है वह हर इशारे को अलग किनारे के साथ पहचान के लिए अलग उजाला हर मौके पर देता है उसमे अलग सोच अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई एहसासों को अलग उम्मीदों के साथ नयी रोशनी का इरादा मिलता है वह हर धारा को नये सुबह के साथ मुस्कान देने के लिए अलग पुकार हर पल को देता है उसमे अलग रोशनी अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई आवाजों को अलग एहसास के साथ नयी पहचान का इशारा मिलता है जो जीवन मे कई तराने लहरों के साथ आवाज को देता है हर पुकार जीवन कि हर साँस मे अक्सर रहती है।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे कई रंगों को अलग परख के साथ नयी रोशनी का इरादा मिलता है जो जीवन मे कई किनारों को पहचान के साथ अलग कहानी बताता है क्योंकि हर कहानी हर उम्मीद मे अक्सर रहती है। 

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