Sunday 5 March 2017

कविता. १२७०. किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी।

                               किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर लम्हा कोई एहसास देकर दास्तान अलगसी सुनाती है हम समझे या ना समझे वह अपनी कहानी हर बार सुनाती है वह हर किस्से को एहसास दिखाती है़।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर राह पर कोई अलग पुकार देकर जाती है जो बूँद को अलग एहसास के संग अलगसा विश्वास देती है जिसे परख लेने कि समझ जीवन मे अलग पहचान दिखाती है।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर किरण के साथ कोई अलग रोशनी दिलाती है वह बूँद के अंदर कोई ठंडक या फिर कोई एहसास देकर आगे बढती रहती है जो जीवन मे कई रंगों कि पहचान दिखाती है।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर बार जीवन मे कोई अलग एहसास कि शुरुआत देकर जाती है जो जीवन मे कई बातों को बताना चाहती है पर बिना आवाज के वह अक्सर चुपसी रहती है सिर्फ लहरें एहसास दिखाती है।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह बिना बोले भी कभी कभी जीवन के राज सुनाती है वह हर मौके के साथ जीवन मे कोई अलग सौगात दिलाती है जो जीवन मे कई किनारों पर अलग तरह कि रोशनी दिखाती है।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर मौसम के साथ कभी कभी जीवन मे कई किनारों पर अलग पहचान बताती है जो जीवन मे कई मौकों पर एहसास अलगसा देकर आगे जाने कि राह दिखाती है।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर पल के साथ कभी कभी जीवन मे अलग रंगों के साथ अलग एहसास के अंदर विश्वास दिलाती है जो जीवन मे कई रंगों को पानी के बूँद के संग अलगसा एतबार दिखाती है।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर पल के साथ कभी कभी जीवन मे कई किनारों पर अलग एहसास दिलाती है जिसकी बजह जीवन को अलग रोशनी दिलाती है वह जीवन मे कई रंगों को पुकार दिखाती है।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर पल के साथ कभी कभी रोशनी कि अलग पहचान दिलाती है जो जीवन मे कई एहसासों कि दिशाए बदलकर रखती है वह हर बूँद के संग अलगसी सुबह कि रोशनी दिखाती है।
किसी बूँद से कह दो तो वह कहानी दिखती जाती है वह हर लहर के साथ जीवन मे नयी रोशनी लाती है जो पानी के हर बूँद के साथ सात रंगों कि कहानी बताती है वह हर लम्हा जीवन मे कोई अलग पुकार अक्सर दिखाती है। 

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