Monday 13 February 2017

कविता. १२३०. हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है।

                             हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई रंगों कि पहचान हर एहसास के संग समझकर हर पल मे रहती है जो हरीयाली को कई तरह का एहसास हर मौके पर देकर हर बार अक्सर हर लम्हे मे देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई रंगों कि पहचान हर मोड पर अलग एहसास देकर चलती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया खास नजारों के साथ रहती है हर एक नजारे मे अक्सर एहसास देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई रंगों कि पहचान हर दिशा मे अलग पहचान हर किस्से के साथ नये नजारे को जिन्दा रखती है जो जीवन मे कई किनारों को अलग तरह का उजाला देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई रंगों कि पहचान हर किनारे को अलग एहसास दिलाती है हर बार कोई हरे पेड कि छाव को अलग किसम कि दिशाए हर पल मे अक्सर देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई दिशाओं के सहारे मन कि पहचान हर मौके पर अलग रुप के संग मिलती है हर कुदरत के किस्से मे हर बार हरीयाली कई अलग किनारा देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई एहसासों के सहारे आगे बढती जाती है जो जीवन मे हर पल हरीयाली कि पहचान कई किनारों से आगे हर लम्हे के साथ चलती है जो जीवन मे हरीयाली देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया देकर जाती है जो जीवन मे कई किस्सों के संग हरीयाली कि पहचान हर किनारे के साथ देकर चलती है जो जीवन मे हरीयाली को अलग किस्से देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई पेडों कि दुनिया हर मौके पर दिखाती है जिसे पहचान लेने कि जरुरत जीवन को हर हरीयाली के साथ आगे लेकर चलती है जो जीवन मे उम्मीदे देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई रंगों मे कुदरत को अलग तरह कि पुकार दे जाती है जो जीवन मे कई रंगों कि सुबह हर बार दिखाती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया हर पुकार के संग देकर जाती है।
हरीयाली के भीतर कोई पुकार होती है जो जीवन मे कई एहसासों मे अलग पहचान हर किस्से मे देकर आगे बढती है हर किस्से के साथ जीवन मे कदमों कि प्यास हर दिशा के अंदर जीवन को आवाज देकर जाती है। 

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