Tuesday 31 January 2017

कविता. १२०५. हर बार किनारे पर राह।

                               हर बार किनारे पर राह।
हर बार किनारे पर राह बदलाव देती जाती है हर लम्हा वह जीवन को साँसों के एहसास अलग दे जाती है जो जीवन मे कई रंगों कि पहचान दिखाती है हर खुशबू के साथ जीवन को बदलकर दुनिया मे बदलाव देकर जाती है।
हर बार किनारे पर राह कोई मकसद देकर चलती है हर किस्से मे जीवन अपनी बात बताता जाता है हर किनारे पर दुनिया कोई अलग बदलाव देती रहती है जो जीवन आसानी से कई कहानियों को मकसद नया देकर जाती है।
हर बार किनारे पर राह कोई पहचान देती जाती है जो जीवन मे कई रंगों कि पुकार दे जाती है जो जीवन मे कई रंगों कि राहे अक्सर बताकर दुनिया को मकसद अलग दिखाती है जिसकी पहचान अलग वजह देकर जाती है।
हर बार किनारे पर राह कोई पुकार जीवन मे रखती जाती है जो जीवन मे कई एहसासों को किस्से की पुकार देकर अलग दिखाती है जो जीवन मे कई रंगों को एहसास कुछ ऐसा देती है उसकी पुकार जीवन मे राह अलग देकर जाती है।
हर बार किनारे पर राह कोई मकसद जीवन मे देकर चलती जाती है जो जीवन मे कई लहरों मे पहचान अलगसी देती जाती है जो जीवन मे कई रंगों कि पहचान किसी किस्से के संग दिया करती है जो जीवन मे अलग पुकार देकर जाती है।
हर बार किनारे पर राह कोई एहसास जीवन मे कई रंगों कि दुनिया देती है जो जीवन मे कोई पुकार देकर हर कदम के साथ अलग मकसद देती है जो जीवन मे कई किनारों को अलग उजाला देती है जो जीवन मे अलग किनारा देकर जाती है।
हर बार किनारे पर राह कोई पहचान अलगसी देती है जिसकी हर मौके पर अलग जरुरत देकर जाती है जो जीवन मे कुछ उम्मीद को परख अलग देती जाती है जो जीवन मे कई एहसासों को समझ के अलग किनारे देकर जाती है।
हर बार किनारे पर जिन्दगी कुछ अलग दिशाओं कि परख और प्यास देकर चलती है जो जीवन मे कई किस्सों को साँसों मे एहसास देकर चलती है जो जीवन मे कई किनारों को अलग किसम कि पुकार हर पल देकर जाती है।
हर बार किनारे पर दुनिया कोई अलग कहानी बताती है जो जीवन मे कुछ उम्मीद कि अलग प्यास देती है जो जीवन मे कई किनारों से आगे निकलकर जाती है जो जीवन मे किनारों से ही तो जीवन कि दुआए देकर जाती है।
हर बार किनारे पर दुनिया कोई अलग कहानी बताती है जो जीवन मे कई एहसासों कि परख देकर चलती है जो जीवन मे कई रंगों से ही हर किनारे कि प्यास देती है जो जीवन मे हर किनारे से ही हर पुकार देकर जाती है। 

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