Friday 27 January 2017

कविता. ११९५. हर मौसम जब बदले।

                                   हर मौसम जब बदले।
हर मौसम जब बदले जीवन कि आवाज अलग हो जाती है हर किस्से मे जीवन अपनी बात अलग पहचान देकर जाता है वह हवा मे अलग एहसास देकर हर मौके पर बढती जाती है जो जीवन मे मौसम को मतलब देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि सौगाद को कई किनारों मे बदलकर जाती है वह हर मौसम को समझ लेते ही हर पल को कोई बदलाव देकर हर मौके पर जाती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया बदलाव देकर अक्सर देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि प्यास को कई किनारों से बढते जाने कि जरुरत हर साँस के संग नजर आती है हर हवा के झोंके मे जीवन को परख लेने कि जरुरत हर पल दिख जाती है जो जीवन मे कई रंगों से दुनिया को उजाला देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि आवाज को कई कहानियों मे आगे चलकर जाती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया को मौसम के संग बदलाव देती हुई नजर आती है जो जीवन मे कुछ अलग बदलाव दे वह दुनिया को अलग रंग देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि प्यास को दुनिया अलग पुकार देती है हर मौसम के साथ हर मौके पर कोई अलग समझ को परखकर दुनिया हर किनारे पर जीवन कि कश्ती हर पल अलग समझ कि ताकद अक्सर देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि पुकार हर मौके पर अलगसा एतबार देती रहती है जो जीवन मे कई रंगों कि पुकार हर किनारे पर बदलाव कि पहचान अलग रंगों कि समझ मे अलग पुकार देकर जाती है जो जीवन मे कुछ अलग दुनिया देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि प्यास हर किस्से को समझकर आगे चलती है जो जीवन मे बदलाव दे वह समझ अलग तरह कि पुकार देकर चलती है जो जीवन मे कई रंगों के मौसम को हर पल के साथ अक्सर बदलाव देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि दास्तान बदलती है हर किस्से मे कुछ कहने कि जरुरत जीवन को हर पुकार के साथ अलग दुनिया देकर चलती है जो हर लम्हा जीवन को समझ ले वह प्यास मन को नया विश्वास देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि कहानी अलग पुकार देकर चलती है जो जीवन मे कुछ अलग मकसद हर बार अलग एहसास दे जाती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया हर मौके पर बदलती है जो जीवन मे मकसद देती रहती है।
हर मौसम जब बदले जीवन कि आवाज कुछ अलग होती है मौसम के संग पंछी चहकते है जो जीवन मे कई रंगों कि पहचान देकर रहती है जो मौसम के संग बदलाव कि पुकार देकर जाती है जो जीवन मे हर मौसम को खुशियाँ देती रहती है। 

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