Tuesday 24 January 2017

कविता. ११९१. हर हवा कि आहट मे।

                                     हर हवा कि आहट मे।
हर हवा कि आहट मे सच्चाई अलग तरह कि रहती है जो जीवन मे कई किनारो पर अलग समझ देती जाती है हर हवाओं को बदलाव देकर चलती जाती है हर लम्हे मे हवाओं मे पहचान अलग तरह कि रहती है।
हर हवा कि आहट मे परख अलग तरह कि दिशा रहती है जो जीवन मे कई दास्तानों पर एहसास जुदा रहते है जो हवाओं मे कई किनारों पर आवाज देकर जाती है अलग सुबह कि तलाश अलग तरह कि रहती है।
हर हवा कि आहट मे समझ अलग तरह कि जिन्दा रहती है जो जीवन मे कई किनारों को परख लेने कि आदत हर बार मन मे कुछ कहती है हर हवा कि कहानी मे हर बार जीवन कि आस अलग तरह कि रहती है।
हर हवा कि आहट मे एहसास मे अलग तरह कि पुकार रहती है जो जीवन मे कई एहसास के साथ आगे चलती है जो हवाओं मे एहसास कि उम्मीद अलग देती जाती है जीवन मे हवाओं मे अक्सर परख अलग तरह रहती है।
हर हवा कि आहट मे एहसास अलग तरह कि दुनिया देती रहती है जो जीवन मे कई किनारों को उम्मीद देती रहती है हवाओं को पहचान हर मौके पर परख अलग तरह कि होती है जिनमे दुनिया समझ ले वह पुकार अलग तरह रहती है।
हर हवा कि आहट मे एहसास अलग तरह कि पुकार देती रहती है जो जीवन मे कई किनारों को अलग पुकार देकर जाती है जो जीवन मे हवाओं का अलग किनारा देती जाती है हर हवाओं को समझ लेने कि ख्वाईश अलग तरह रहती है।
हर हवा कि आहट मे एहसास मे अलग तरह कि उम्मीदे छुपी रहती है जो जीवन मे कई राहों पर अलग उजाला देकर जाती है जो जीवन मे हवा अलग पुकार देती है जो जीवन मे कई किनारों पर अलग नजारा देकर चलती है जिसमे दुनिया अलग तरह रहती है।
हर हवा कि आहट मे समझ अलग तरह कि होती है जो जीवन मे मौसम को बदलाव देकर चलती है क्योंकि हवाए अंदाज अलग देकर जाती है जो हवाओं को कई दिशाओं मे अलग तरह कि पुकार देती है जो जीवन मे हवाओं की दिशाए अलग तरह रहती है।
हर हवा कि आहट मे समझ अलग किनारा देकर जाती है जो जीवन मे अलग तरह कि पुकार देकर जाती है जो जीवन मे हवाओं को अलग प्यास देती जाती है जो जीवन मे हवाओं को हर बार जिन्दा करती है जीवन कि सोच अलग तरह रहती है।
हर हवा कि आहट मे समझ अलग प्यास देकर जाती है जो जीवन मे कई राहों पर अलग नजारा देकर जाती है हर बार हवाओं मे अलग किसम का तरीका जिन्दा रहता है जिसे समझकर आगे बढते जाने कि आस दुनिया मे अलग तरह रहती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...