Saturday 10 December 2016

कविता. ११०१. हर लब्ज को समझ।

                                                    हर लब्ज को समझ।
हर लब्ज को समझ लेते है तो जीवन मे सोच बदलती जाती है हर लब्ज के आहट मे कई खुशियाँ नजर आती है जो लब्जों को कई किस्सों मे परखकर अलग किसम कि दे जाती है जो लब्जों को कई तरह कि ताकद देकर आगे बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने पर दुनिया एहसास अलगसा लाती है जो मौसम बदलते जाते है उन्हे समझ लेने कि उम्मीद लब्जों मे ही नजर आती है जो जीवन मे लब्जों को एहसास अलगसा दे जाती है जो जीवन मे हर पल आगे बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने पर दुनिया कुछ अलग किसम कि समझ लाती है जो किनारों से आगे बढती जाये वह लब्जों कि कहानी जीवन को कई एहसासों के साथ लेकर आगे बढती जाती है जो लब्जों को कई दिशाए देकर हर मौके पर बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने कि जरुरत जीवन मे हर मौके पर नजर आती है जो जीवन को कई किनारों से समझ ले वह दुनिया लब्जों के सहारे वह मौके मे नजर आती है जो जीवन को अलग किसम कि खुबसूरती देकर हर पल आगे बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने कि अहमियत हर बार जीवन मे आती रहती है क्योंकि लब्जों के सहारे ही तो कि कहानी आगे बढती रहती है जो लब्जों को अलग किसम कि समझ हर मौके पर देकर अक्सर जीवन मे आगे बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने कि सोच जीवन मे रोशनी लाती है पर कुछ लब्जों से दूर रहने मे ही जीवन कि समझ आती है जो लब्जों को ताकद दे जाती है वह सोच लब्जों के सहारे ही तो जीवन मे उम्मीदे देकर आगे बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने कि जरुरत दुनिया को हर पल दिखती रहती है क्योंकि लब्जों कि बौछार ही तो जीवन मे खुशियाँ दे जाती है जो लब्जों को कई किसम कि रोशनी मिलती है जिसमे जीवन कि खुशियाँ आगे बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने कि अहमियत हर बार जीवन मे रोशनी कि पुकार लेकर आती है जो जीवन मे लब्जों को ताकद दे जाये वह कहानी सही तरह का एहसास दे जाती है जो जीवन को हर लम्हे लब्जों के सहारे लेकर आगे बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने कि ताकद जीवन मे मन के अंदर नजर आती है जो जीवन को कई किस्सों मे आगे लेकर चलती जाती है जो लब्जों को समझ दे जाये वह कहानी कई एहसासों को उम्मीदे देकर आगे बढती जाती है।
हर लब्ज को समझ लेने कि जरुरत जीवन को कई किनारों से आगे जाने कि उम्मीदे दे जाती है जिन्हे समझ लेने कि जरुरत जीवन मे अक्सर रहती है जो जीवन मे लब्जों को ताकद देती है वह कहानी अक्सर लब्जों के सहारे ही तो आगे बढती जाती है।

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