Wednesday 9 November 2016

कविता. १०३९. नजरों के एहसासों को।

                                            नजरों के एहसासों को।
नजरों के एहसासों को अक्सर लोग अनदेखा करते है जब कि नजरे हाल दिलों के कई बार बताकर जाती है नजरे हमारी दुनिया को एहसास अलगसा दे आगे बढती हुई जाती है जो जीवन को कई रंगों मे खुशियाँ देकर जाती है।
नजरों के एहसासों को परखकर जीवन कि धारा को बदलाव अलगसा मिल जाता है जो नजर के अंदर कई किनारों को समझ अलगसी सुबह देकर आगे बढती है जो जीवन मे कई किसम के एहसासों को नजरों से परखकर आगे जाती है।
नजरों के एहसासों को अंदर से पहचान लेने कि जरुरत जीवन को कई तरह के मतलब देकर बढती है नजरों के अंदर कई तरह कि एहसास देकर चलती है जो नजरों मे ही अपनी दुनिया जिन्दा रखती हुई आगे बढती जाती है।
नजरों के एहसासों को अलग मकसद देकर दुनिया को कई किसम कि समझ मिलती रहती है जो नजरों के राज बताकर दुनिया को आगे लेकर चलती है जो नजरों कि ताकद को पहचान अलगसी देकर आगे बढती जाती है।
नजरों के एहसासों को समझकर दुनिया कई तरह कि दिशाए देकर आगे चलती है जो जीवन को नजरों कि ताकद हर बार अलग दिशा देकर चलती है जो नजरों को कई किसम कि दिशाए देकर आगे चलती हुई अक्सर बढती जाती है।
नजरों के एहसासों को परखकर उन्हे समझ लेने कि जरुरत दुनिया मे अक्सर नजर आती है जो नजरों को परख लेती है वह दिशाए मुश्किल से नजर आती है वह नजरों के अंदर ताकद अक्सर दिखाकर हर पल मे आगे बढती जाती है।
नजरों के एहसासों को पढने कि आदत दुनिया मे अक्सर नही होती है दुनिया तो बस लम्हों को समझ लेने कि कोशिश करती है जो गलत बातों को भी जीवन मे सही कहती हुई आगे अक्सर बढती हुई हमे नजर आ जाती है।
नजरों के एहसासों को समझकर सिर्फ कुछ कहानियाँ ही चलती है जो अक्सर जीवन मे एहसासों को बदलाव देकर आगे चलती है जो नजरों को समझ ले उसकी जिन्दगी ही तो मतलब देकर आगे बढती हुई चलती जाती है।
नजरों के एहसासों को परखकर जीवन को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है क्योंकि नजरों मे ही तो जीवन कि कहानी हर बार अलग सुबह के साथ आगे बढती है क्योंकि नजरों मे ही तो जीवन को अलग एहसास देने की ताकद अक्सर आ जाती है।
नजरों के एहसासों को समझकर आगे बढती जाने कि ताकद देकर चलती है वह कहानी जीवन को अलग तरह का मकसद देकर आगे चलती जाती है क्योंकि नजरों मे ही तो कदमों को आगे लेकर जाने कि समझ आ जाती है।

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