Saturday 19 November 2016

कविता. १०५९. बहारों को समझकर।

                                        बहारों को समझकर।
बहारों को समझकर जीवन को कई किस्सों मे जीने कि जरुरत होती है क्योंकि बहारों कि कहानी जीवन को कई रंगों कि समझ देती है हर बहार मुस्कान के साथ चीजों को बाँटते जाने कि आदत भी अक्सर जीवन मे देकर चलती है।
बहारों को समझकर जीवन को कई एहसासों मे किनारों से समझ लेने कि जरुरत हर बार रहती है जो जीवन मे बहारों को अलग तरह कि समझ देकर चलती है जो बहारों मे दुनिया को अलगसी सुबह देकर हर बार आगे चलती है।
बहारों को समझकर जीवन को कई किनारों से आगे लेकर बढती रहती है क्योंकि बहारों को समझकर कदमों कि आहट हर बार दुनिया को कई रंगों मे आगे लेकर चलती है वह दुनिया को कई किस्सों मे बदलाव देकर चलती है।
बहारों को समझकर जीवन को अलग तरह कि समझ देकर आगे बढती है जो जीवन को कई किस्सों मे मतलब देकर जाती है जो जीवन को अलग किसम कि सोच देकर आगे बढती जाती है जो हर पल आगे लेकर चलती है।
बहारों को समझकर जीवन को कई किस्सों मे परख लेने कि जरुरत होती है जो जीवन को कई हिस्सों मे आगे लेकर बढती है जो जीवन कि धारा को अलग तरह कि समझ देकर जाती है वह बहारों कि कहानी को बदलाव देकर चलती है।
बहारों को समझकर जीवन कि धारा कई किस्सों मे अलग परख देकर जाती है वह दुनिया को कई किनारों कि समझ देकर जाती है वह बहारों को समझ देकर जाती है वह जीवन कि कहानी हर बार बहारों मे उम्मीदे देकर चलती है।
बहारों को समझकर जीवन का हर किस्सा एहसास बदलकर जाता है वह बहारों के संग हर बार साँसों का मतलब बदलकर जाता है बहारों को समझकर बदलाव देकर दुनिया आगे बढती जाती है जो जीवन को मतलब देकर चलती है।
बहारों को समझकर जीवन को कई किस्सों मे परख लेने कि जरुरत हर बार होती है जो जीवन कि धारा को कई किस्सों मे परखकर आगे बढती है जो बहारों मे कई किसम कि कहानियाँ चुपके से जीवन मे कहती हुई आगे लेकर चलती है।
बहारों को समझकर जीवन को कई कदमों मे समझ लेने कि जरुरत होती है क्योंकि बहारों मे ही तो दुनिया कि धारा कई एहसासों के संग आगे लेकर जाती है जो जीवन मे कई राहों को बहारों मे चलने कि समझ देकर चलती है।
बहारों को समझकर जीवन को अलग एहसास दे जाती है क्योंकि बहारों मे कई किसम कि सोच जीवन मे आगे बढती है जो जीवन मे बहारों को समझ देकर चलती है वह एहसास कि धारा जीवन को अलग समझ देकर चलती है।

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