Tuesday 8 November 2016

कविता. १०३७. बिना बहानों कि बात।

                                   बिना बहानों कि बात।
कभी किसी बात को समझ लेने कि जरुरत हो तो उस बातों मे बहानों को समझ अक्सर मिलती है जो जीवन मे बातों को कई तरह कि कहानियों का मकसद देकर चलती है जिसमे जीवन को बातों कि कई कहानियाँ सुननी पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि ताकद बहानों को परखकर मिलती है क्योंकि बहानों के सहारे से ही तो जीवन कि कहानी नई उडान को रोक लेती है बहानों को परखकर ही तो दुनिया को हर बार खुशियों को समझ लेने कि कोशिश करनी पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि आवाज जीवन को समझ लेने के लोगों के तरीकों मे होती है जो बहानों को समझ देकर जाये वह बात ही तो जीवन कि सच्ची कहानी हर बार कहती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर बार पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि ताकद बहानों के अंदर कई किसम कि कमजोरीयाँ अक्सर छुप जाती है जो बहानों के अंदर जीवन कि कहानी को कई तरह कि दिशाए और मोड देकर आगे बढती है जिसे समझ लेने कि जरुरत पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर मौके पर होती है जो बहानों के अंदर कई किस्सों को समझ अलग तरह कि देकर चलती है जो बहानों को समझकर आगे जाती है जो जीवन मे आगे जाने के लिए उसकी जरूरत अक्सर पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि अहमियत हर मौके पर रहती है जो बहानों को अलग तरह कि समझ देने कि जरुरत होती है जो जीवन मे बहानों को हर मौके पर अलग एहसास देकर आगे चलती है जिसकी जीवन को आगे ले जाने मे जरुरत पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि इन्सान कि ताकद है या नही है यह बात को जीवन को कई कहानियों मे समझ लेने कि जरुरत होती है बहानों को समझ लेने कि जरुरत कई किसम कि कहानियों के कई किस्सों मे अक्सर पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि कहानी हर पल अधूरीसी लगती है जब उसमे बहानों को समझ लेने कि जरुरत हर किस्से मे रहती है उस मौकों मे कई कहानियाँ जिन्दा हो जाती है बहानों को समझ लेने कि जरुरत हर मोड पर पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि जरुरत बहानों मे होती है जो बहानों को समझकर आगे जाने कि जरुरत जीवन मे रहती है जो बहानों को परखकर दुनिया को हर बार आगे बढने कि जरुरत होती है आगे बढते जाने कि जरुरत जीवन को पडती है।
कभी किसी बात को समझ लेने कि ताकद बहानों के अंदर कई कहानियों को बदलती है जो जीवन को अलग तरह के समझ मे परखकर आगे लेकर चलती है वह बात बिना बहानों कि जीवन मे होती है जो जीवन को बहानों से उपर लेकर चलती है उसकी ही जरुरत जीवन मे पडती है।

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