Saturday 5 November 2016

कविता. १०३१. हर कहानी के किरदार।

                                                   हर कहानी के किरदार।
हर कहानी के किरदार हर पल बदलते रहते है जो जीवन मे कहानियों को कई तरह के मतलब देकर चलते है जो कहानी को समझ देकर आगे बढते है वह किरदार जीवन कि कहानी के किरदार नही जीवन बनकर चलते है।
हर कहानी के किरदार जीवन को साँसे देकर जाते है जो जीवन को मतलब देकर आगे जाये वह किरदार जीवन कि हकिकत समझकर जीवन मे अक्सर आगे बढते है जो जीवन को किरदारों के साथ आगे लेकर हर मोड पर चलते है।
हर कहानी के किरदार कई किस्सों मे मतलब बदलकर चलते है किरदार ही तो हमारी कहानी को आगे लेकर जाते है किरदार कई बार कई किस्सों के संग दुनिया को बदलकर नई दिशा मे अक्सर लेकर आगे चलते है।
हर कहानी के किरदार कई किनारों मे अलग तरह के मतलब देकर बढते है जो किरदार जीवन को अलग तरह कि समझ देकर आगे जाते है जीवन को किरदारों के अंदर कई तरह कि सोच देकर हर पल हम आगे चलते है।
हर कहानी के किरदार हर मौके पर जीवन कि धारा अलग तरह कि दिशाए देकर जाती है जो हमे समझ देकर जाये वह कहानी अलग तरह के असर देकर चलती है क्योंकि वह किरदार जीवन को ताकद देकर चलते है।
हर कहानी के किरदार हर पल जीवन कि सोच को बदलाव देकर जाते है किरदारों के संग ही तो हम दुनिया को बदलाव देकर आगे जाते है किरदारों मे ही हर बार जीवन कि ताकद जिन्दा रहती है जिसे समझकर हम अक्सर चलते है।
हर कहानी के किरदार हर मौके पर जीवन कि दिशाए तय करते रहते है जो किरदारों को परखकर हर मौके पर आगे बढते है उन्हे समझ लेने कि जरुरत हर बार जीवन मे होती है जो किरदारों को हर ताकद मे आगे चलते है।
हर कहानी के किरदार हर बार अलग तरह के असर करते जाते है किरदारों के साथ जीवन कि कहानी को हम हर बार अलग तरीके से परखकर आगे बढते जाते है किरदारों को समझकर आगे जाने कि अहमियत को समझकर हम आगे चलते है।
हर कहानी के किरदार हर बार उसे ताकद देकर हर बार हरीयाली कि तलाश देकर हर मोड से आगे निकल जाते है हर किरदारों को समझकर जीवन को कई कहानियों मे समझ लेने कि ताकद हर बार होती है जिसे हम समझकर चलते है।
हर कहानी के किरदार हर बार जीवन मे कई पलों को समझ अलगसी देकर आगे जाते है क्योंकि किरदारों कि सोच मे ही तो अलग असर देकर आगे बढती है क्योंकि किरदारों को परखकर आगे बढते जाने कि जरुरत होती है क्योंकि ऐसे ही हम आगे चलते है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४५. आवाज कोई सपनों संग।

                           आवाज कोई सपनों संग। आवाज कोई सपनों संग खयाल सुनाती है कदमों को उजालों की पहचान पुकार दिलाती है उम्मीदों को किनारो...