Wednesday 5 October 2016

कविता. ९६९. हर कदम को समझकर।

                                                   हर कदम को समझकर।
हर कदम को समझकर जीवन मे कई कदमों कि कहानी बनती है जो कदमों को समझकर जीवन कि कहानी कहती रहती है जो कदमों के साथ हमारी निशानी बदलती है जो जीवन को कई कदमों से अलग तरह कि समझ देकर चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन मे हर बार अलग कसौटी बनती है जो जीवन मे कदमों को परखे बिना ही जीवन कि कहानी कहती रहती है जो कदमों को ताकद अलगसी हर मौके पर देकर चलती है जिसमे जीवन कि कहानी आगे चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन मे अलग निशानी बनती है जो कदमों को कई किसम कि कहानियाँ कहती रहती है जो जीवन मे कदमों को अलग तरह कि प्यास देकर चलती है जो अक्सर कदमों को ताकद और रफ्तार अलग देकर चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन मे अलग सोच बनती रहती है जो जीवन मे कई किस्सों मे आवाज अलगसी देकर आगे बढती रहती है जो कदमों को अलग मकसद देकर जीवन मे सोच जुदा देकर हर मौके पर आगे बढती हुई चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन को अलग निशानी मिलती है जो हर बार जीवन को अलग अलग किस्सों की समझ जुदा देकर आगे बढती है जो हर कदम के अंदर कि कहानी बदलती हुई आगे लेकर जाती है जिसकी सोच अलग दिशा मे चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन को अलग तरह कि कहानी बनती है जो जीवन मे प्यास अलगसी रहती है जो कदमों को अंदाज अलग देकर हर बार आगे बढती है जो जीवन मे कहानी कई किसकी कहती रहती है जिसे समझकर दुनिया आगे चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन को अलग एहसास से आगे जाने कि जरुरत होती है जिन्हे परख लेते है जो कदमों कि आवाज सुहानी लगती है जो जीवन मे कदमों को अक्सर गीत अलग तरह के कहती रहती है जो जीवन को आगे लेकर चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन को समझ देकर आगे चलते जाते है पर हर कदम कि आहट कुछ अलग तरह कि लगती है जो जीवन को कदमों मे समझ ले वह सोच अलगसी दिशाए देकर बढती है जो जीवन को आगे लेकर हर एक मोड पर चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन को अलग एहसास कि कहानी दिखती है जो जीवन मे कई कदमों पर आगे लेकर जाती है जिसे कदमों मे समझ लेने कि जरुरत पडती है जिसे परखकर जीवन मे कदमों कि अलग निशानी बनती है जो हमे आगे लेकर चलती है।
हर कदम को समझकर जीवन को हर एक मौके मे हर एक पल पर जीवन कि बाते समझकर जीवन मे आगे जाने कि जरुरत रहती है जो जीवन को कई साँसों को परखकर अलग तरह के मकसद को समझ लेने कि जरुरत हर बार आगे लेकर चलती है।

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