Wednesday 12 October 2016

कविता. ९८३. राह तो हर पल।

                                           राह तो हर पल।
राह तो हर पल अपनी मंजिल तय ही रखती है जो राह को समझ लेती है वह मंजिल अक्सर जीवन मे जरुरी रहती है जो राह चुननेवाला है उसे ही तो मंजिल का पता नही समझ पाता है जो जीवन मे उम्मीदे हर मौके पर देकर आगे बढता जाता है।
राह तो हर पल अपनी मंजिल के एहसासों तक अक्सर बदलती रहती है जो जीवन मे बदलाव दे वह राह कई किस्सों मे जीवन को नई पहचान देकर चलती है राह तो वह चीज है जिसकी मंजिल तो जीवन मे पहले से ही तय रहती है जीवन मे उस ओर से ही बढती जाती है।
राह तो हर पल अपनी मंजिल को कई किस्सों मे कहती है राहों के अंदर ही अपनी दुनिया जिन्दा रहती है उस दुनिया को समझकर ही तो राह को समझ लिया जाता है क्योंकि मंजिल के सहारे ही तो जीवन कि कहानी मे वह रंग आता है जो आगे बढता जाता है।
राह तो हर पल अपनी मंजिल को समझकर आगे चलते जाना होता है जो राहों को किस्सों मे बदलता जाये वह एहसास जीवन मे हर पल जुदा रहता है जो राहों को हर मौके मे उम्मीदे देकर अक्सर लेकर आगे बढता जाता है।
राह तो हर पल हर मौके को अलग तरह का एहसास देकर आगे जाना जरुरी रहता है राहों के अंदर कई पलों को समझकर जीवन मे आगे बढते जाना अहम रहता है जो जीवन को हर एक साँस मे मतलब देकर आगे बढता जाता है।
राह तो हर पल हर मोड के अंदर अलग मजा देकर हर बार चलती है हमे राहों को परखकर जीवन मे आगे बढते जाना होता है उन राहों को समझकर ही तो दुनिया को समझ लेना कई किस्सों मे आता है किनारों से आगे बढता जाता है।
राह तो हर पल हर किनारे के अंदर अलग सोच देकर हर बार आगे चलती जाती है उस सोच को समझकर आगे बढना हर बार जरुरी लगता है जो राहों के अंदर कई किस्सों कि पहचान देकर आगे बढता जाता है।
राह तो हर पल हर कोने मे अलग एहसास देकर चलती है उस राह कि मंजिल को समझकर आगे चलते रहने कि आदत होती है हमे राह को मंजिल तक जाने कि जरुरत हर बार होती है पर इन्सान अक्सर बिना मंजिल को समझे आगे बढता जाता है।
राह तो हर पल हर मौके पर कुछ अलग एहसास देकर आगे बढती है क्योंकि हर मंजिल को राह कि तलाश रहती है जीवन मे कई किनारों को समझकर आगे चलती जाती है जो हर राह का मुसाफिर तो बस मंजिल तक आगे बढता जाता है।
राह तो हर पल जीवन को अलग एहसास देकर चलती है क्योंकि राहों मे ही रफ्तार रहती है जो जीवन को कई रंगों कि ख्वाईश देकर चलती है राह वही अक्सर अहम नजर आती है क्योंकि मंजिल कि ओर ही तो जीवन आगे बढता जाता है।

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