Monday 31 October 2016

कविता. १०२०. जीत तो हार का हिस्सा।

                                            जीत तो हार का हिस्सा।
जीत तो हार का हिस्सा होती है पर जाने क्यूँ दुनिया उस किस्से को समझ नही पाती है हर बार हार को जीत से दूर करती जाती है जीवन मे मुश्किल कि तरह दिखाती है पर हार अक्सर जीवन मे अहम लगती है।
जीत तो हार के साथ हर बार आती है जीत हर बार कई किस्सों मे अपनी कहानी कई बार लिखती हुई जाती है क्योंकि जीत के किसी हिस्से मे हार अक्सर जिन्दा रहती है जो देख ले तो अक्सर हार जीत कि रिश्तेदार लगती है।
जीत तो हार का हिस्सा हर मौके पर रहती है क्योंकि जीत के अंदर हार का एहसास जिन्दा हर पल रहता है जो जीवन को नई पहचान देकर जाता है क्योंकि जीत से पहले हार का एहसास जीवन मे जरुरी लगता है जिसमे जीवन कि प्यास लगती है।
जीत तो हार का अलग एहसास दे जाती है क्योंकि हार को जीत ही तो पहचान देकर जाती है जो जीवन मे हार जीत के कई हिस्सों मे आती रहती है पर वह किसी भी हिस्से मे हो आखिर मे ना हो यही आस रहती है पर उस गोल दुनिया मे आखिर तलाश बिना मतलब लगती है।
जीत तो हार का विश्वास बदलकर आगे बढती है वह आकर बताती है कि दुनिया कल कि बात तो करती है पर कल कि बात अक्सर दुनिया कि समझ से भी आगे रहती है जो जीवन को जीत और हार दोनों किस्सों मे अलग तरह के एहसास देकर उम्मीदे देने लगती है।
जीत तो हार का किस्सा अक्सर बयान करती है क्योंकि जीत के अंदर ही तो हार कि राहे रहती है जो जीवन को कई किस्सों मे कुछ अलग एहसास देकर चलती है जो जीत के अंदर हार कि कहानी भी बडी दिलचस्प तरह कि लगती है।
जीत तो हार को अलग समझ देकर आगे चलती है जीवन मे जीत और हार दोनों कि कहानी अलग अलग एहसासों मे जिन्दा रहती है जो जीवन को उम्मीदों कि किरण देकर आगे बढती है जो जीवन को अलग तरह कि रोशनी देकर आगे जाने कि कहानी लगती है।
जीत तो हार को अलग एहसास के साथ आगे लेकर चलती है जो हार को बदलकर जीत बनाते वक्त कई किसम कि बाते बताती है जो जिन्हे परखकर दुनिया हर बार जीवन को एहसास अलगसा देती है उम्मीदों कि शुरुआत कि तरह लगती है।
जीत तो हार को परखकर आगे लेकर चलती है जो जीवन मे कई किस्सों को हार मे ज्यादा उम्मीदे देकर जाती है जो जीवन मे कई किस्सों मे समझ अलग तरह कि उम्मीदे देकर अक्सर आगे बढती जाती है जिस से हार भी उम्मीद कि तरह लगती है।
जीत तो हार को समझकर अलग दिशाए देकर जाती है जो उम्मीदों कि अलग सुबह को समझकर आगे बढती है क्योंकि हार ही तो जीवन मे जीत कि कहानी लिखती है जो जीवन को कई किस्सों मे आगे लेकर चलती है क्योंकि हार ही तो जीत का सच्चा हिस्सा लगती है।

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