Thursday 13 October 2016

कविता. ९८४. हर मौके के अंदर।

                                             हर मौके के अंदर।
हर मौके के अंदर कई किनारों को समझकर ही तो दुनिया जिन्दा रहती है जो मौकों मे ही लम्हे देकर आगे चलती जाती है जो लम्हों मे ही तो जीवन कि तलाश देती है जो जीवन को अलग तरह कि प्यास देकर हर बार मौके संग आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई किस्सों कि जरुरत होती है जो जीवन को अलग समझ एहसास देकर चलती जाती है क्योंकि मौकों मे ही तो जीवन कि प्यास रहती है जो मौकों के सहारे से ही जीवन को आगे लेकर चलती है जो जीवन मे आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई कहानियाँ जिन्दा होती है जो जीवन को अलग किसम के एहसासों के संग हर मोड पर लेकर चलती है जो मौकों के संग जीवन कि कहानी को समझ अलगसी देकर आगे लेकर चलती जाती है जो मौकों पर आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई किनारों को समझकर दुनिया आगे बढती जाती है जो मौकों के साथ खुदको जोडते जाने कि आदत देकर चलती है क्योंकि मौकों मे ही कहानियाँ जिन्दा हर बार रहती है जो जीवन को अलग तरह कि समझ देकर आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई किस्सों मे जिन्दा रहना हर बार जरुरी लगता है जो मौकों मे उजाला दे जाये वह सोच हर बार अहम रहती है क्योंकि मौकों मे ही तो किसी बात को परख लेना हर मोड पर अलग एहसास देकर रहता है जो जीवन मे आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई किनारों को समझकर जाना हर पल जरुरी लगता है क्योंकि मौका तो बस एक पल होता है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर मोड पर रहती है जो दुनिया को कई तरह के मतलब देकर हर पल को जीवन मे आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई किस्सों को समझकर आगे चलती जाती है क्योंकि मौकों मे ही तो दुनिया कि कहानियाँ छुपी रहती है जो जीवन कि कई सच्चाई को एहसास देकर आगे चलते जाती है क्योंकि मौकों मे ही तो दुनिया कि कहानी आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई किनारों को समझकर आगे चलते जाने कि आदत जीवन को अलग तरह का एहसास देकर हमे उम्मीदे देकर चलता है क्योंकि मौकों मे ही तो जीवन कि कहानी बनती और बिघडती रहती है क्योंकि मौकों से दुनिया आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई किस्सों को समझकर आगे चलती जाती है क्योंकि किस्सों मे ही हमारी दुनिया बनती हुई जाती है हर मौके को समझ लेने कि जरुरत जीवन को अलग एहसास मे हर बार अलग किनारा देकर आगे बढती रहती है।
हर मौके के अंदर कई तरह कि सोच हर पल जिन्दा जरुर रहती है जिसकी पहचान हर मौके पर हर मोड पर अक्सर असर करती जाती है हर मौके के अंदर अलग पहचान रहती है जो जीवन को हर पल मे बदलती रहती है जो जीवन के हर मौके पर आगे बढती रहती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१५३. इशारों को अफसानों संग।

                             इशारों को अफसानों संग। इशारों को अफसानों संग आस तलाश दिलाती है लहरों की आवाज पुकार सुनाती है तरानों को उम्मीदों...