Saturday 15 October 2016

कविता. ९८९. कुदरत के अंदर।

                                          कुदरत के अंदर।
कुदरत के अंदर पहचान अलगसी होती है जो कुदरत को अलग तरह के एहसासों से जोडकर चलती है जो कुदरत को और पहचान अलगसी देकर आगे बढती है जो जीवन को कुदरत के कई करिश्मे कहती रहती है।
कुदरत के अंदर पहचान हर शक्स कि रहती है जो जीवन मे इन्सान को अलग एहसास के सहारे आगे लेकर चलती रहती है जो कुदरत को कई किस्सों मे एहसास अलगसा देकर आगे बढती है जो कुदरत को समझ अलग देकर रहती है।
कुदरत के अंदर पहचान हर किस्से को अलग किसम कि शक्ल देती रहती है जो कुदरत को समझ अलग तरह कि देकर चलती है जो कुदरत मे जीवन को कई किस्सों मे कहती है जो कुदरत को कई हिस्सों मे जिन्दा रखती रहती है।
कुदरत के अंदर अंदाज को समझ देकर चलती है वह सोच हमेशा आगे चलती जाती है क्योंकि कुदरत ही तो जीवन कि कहानी को हर बार हर पल अलग एहसासों मे कहती है जिसे समझ लेने कि ताकद जीवन मे रहती है।
कुदरत के अंदर अंदाज को समझकर दुनिया को अलग तरह के मकसद से आगे लेकर चलती है जो कुदरत को समझ हर पल मिलती रहती है जो कुदरत के साथ कई तरह कि समझ हर पल देकर आगे बढती रहती है।
कुदरत के अंदर कई नजारों कि ताकद होती है जो जीवन मे कुदरत को कई एहसासों के संग आगे लेकर चलती है जो कुदरत को अलग तरह कि समझ और पहचान देकर आगे बढती है जो जीवन मे कुदरत को कई एहसास देकर जिन्दा रहती है।
कुदरत के अंदर कई किस्सों को समझकर दुनिया आगे चलती है जो कुदरत मे कई किस्सों को समझ अलग किसम कि देकर आगे जाती है जो कुदरत को कई कहानियों के साथ आगे लेकर चलती है जो जीवन मे कई कहानियों कि दिशाए बनाती रहती है।
कुदरत के अंदर कई खुबसूरत चीजे जीवन को अलग किसम कि समझ देती है जो जीवन को हर मौके पर आगे लेकर चलती है जो जीवन को परख देकर चलती जाये वह जीवन कि ताकद भी कुदरत को एक अलग रंग देकर आगे रहती है।
कुदरत के अंदर कई रंगों मे पहचान हर बार मिलती है जो जीवन को कुदरत के कई रंगों के साथ चलती है जो जीवन मे कुदरत को पहचान कई किस्सों मे होती है कुदरत को समझ देकर आगे बढती जाती है जिसे परख लेने कि जरुरत हर पल रहती है।
कुदरत के अंदर कई किनारों से जीवन कि कहानी हर मौके पर होती है जो जीवन को कई किसम के किनारे देकर चलती है जो जीवन को अक्सर अलग तरह कि सुबह देकर आगे बढती है जो जीवन मे कुदरत के अंदर कई एहसास देकर रहती है।

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