Friday 9 September 2016

कविता. ९१७. बारीश के बूँदों को भुलाकर।

                                    बारीश के बूँदों को भुलाकर।
बारीश के बूँदों को भुलाकर आगे जाने का मजा कुछ और ही है जिन्हे समझ तो लेते है हम पर फिर भी उनके बिना आगे बढना समझ लेते है बूँदों के पार भी हम जीवन को परख लेते है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर बार हम पाते रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर आगे चलते रहते है पर फिर भी बूँदों को पार कर के जीवन को जीने कि जरुरत हर बार चलती रहती है हर बार दुनिया किसी अलग ही रंग मे सामने आकर खुशियाँ देकर आगे चलती हुई कई मौकों पर दिखती है जिसे हम पाते रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर जाने का मौका कुछ पल मे आगे चलता जाता है मौसम मे बदलाव देकर हर लम्हे को समझ लेना हर पल अहम रहता है क्योंकि बारीश कि बूँदों को पार कर के जीवन मे आगे बढते जाने कि जरुरत को हम समझते रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर आगे चलते जाना जरुरी रहता है क्योंकि अलगसा मौसम तब तक जीवन मे हर बार आता है जो जीवन के बदलाव को हर पल आगे लेकर बढता जाता है मौसम के बदलाव को जो समझ ले वह जीवन के बदलाव को समझते रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर फिर भी उनको खोकर भी हम अपनी खुशियाँ पाते है हम जीवन के बदलाव को हर पल समझकर आगे चलते जाना चाहते है बारीश के बूँदों को समझकर हम आगे बढते जाते है हम जीवन को समझकर अक्सर रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर जीवन को अलग एहसास देकर चलता है वह मौसम को समझ लेना होता है पर उसके बाद अलग तरह का मौसम आता है जो उम्मीदे देकर आगे जाता है मौसम के बदलाव को हर पल समझ लेना जीवन मे अहम हम समझते रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर जीवन कि दिशाओं को समझकर कहानी को परख लेना होता है बूँदों ने जो समझ लियी है वह कहानी को बिना बूँदों के भी परख लेना होता है जिसे समझ लेने पर हर बार जीवन मे हर मौके पर नये रंग देकर आगे चलते रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर जीवन कि सरगम तो हम सीख चुके है उसे बस दुसरे मौसम मे ले जाना होता है क्योंकि बूँदों से आगे बढकर हर मौसम मे अलग तरीके से जाने कि जरुरत हर बार होती है जो मौसम मे बदलाव देकर समझते रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर जीवन मे मौसम के बदलाव को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है क्योंकि मौसम के बदलाव के संग दुनिया को कई रंगों मे पहचान लेने कि जरुरत होती है बूँदों कि कहानी को खुशियों को बिना बूँदों के संग हम जाते रहते है।
बारीश के बूँदों को समझकर जीवन मे पहचान बदलती रहती है मौसम बदलते रहते है उनके संग जीवन कि आवाज बदलती रहती है जो जीवन को बदलाव हर बार देती है मौसम को बदलते रहने कि जरुरत हर बार रहती है जिसे मन से जीने से हम खुशियों  के संग जिन्दा रहते है।

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