Monday 26 September 2016

कविता. ९५०. जब हम रोकना चाहे तो।

                                                   जब हम रोकना चाहे तो।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि कहानी रुकती है यह नही होता है तो क्यूँ रोकना चाहे हमे उसका मतलब समझ लेना आसान नही होता है कई बार जीवन मे बार बार आगे चलने से ही तो खुशियाँ हासिल हो जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि गाडी नही रुकती है वह चलती रहती है पर उसे रोकने कि जरुरत कभी नही होती है क्योंकि सही दिशा तो हमारे जीवन का खयाल होती है जिसे पाने के लिए रुकने कि नही चलने कि जरुरत हो जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि धारा रुकती नही है वह हर कदम पर बहती रहती है वह जीवन को रोकना सही नही सोचती है बहते जाने कि जरुरत हर मोड पर रहती है जो जीवन को आगे लेकर चलती है वही समझाती है आगे चलती जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि सोच ताकद बनकर आगे बढती रहती है जो जीवन को कई तरह के हिस्सों मे आगे बढती है जो जीवन को समझ देकर जाती है जो हमे आगे लेकर चलती जाती है जो जीवन को रोकना मना करती जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि किनारों से ही तो कहानी बनती है जो जीवन को अलग पहचान देकर चलती है जो रोकना नही चलते रहना सिखाती है जो आगे बढते रहने कि पुकार हर बार देकर आगे बढती हुई चलती रहती है वही आगे लेकर जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि जरुरत हर बार बदलती रहती है वही जीवन मे अलग तरह कि ताकद जिन्दा रखती है जो जीवन को आगे बढते जाना सिखाती रहती है जो जीवन कि धारा को ताकद बनकर आगे लेकर चलती है पर वह सिर्फ चलना समझाती जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि सोच ताकद देकर आगे बढती है जो जीवन को हर पल अलग मतलब के साथ दुआए देकर आगे बढती रहती है क्योंकि जीवन को रोकने कि जरुरत अक्सर नही होती है अगर जरुरत हो तो जिन्दगी अपने आप रुक जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि प्यास अलग एहसास देकर आगे बढती रहती है क्योंकि रोकने कि जरुरत हमे नही होती है आगे बढते जाना ही तो जीवन कि प्यास रहती है जो जीवन को अलग एहसास देकर हर बार आगे बढती रहती है जो आगे लेकर जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि जरुरत हर मौके पर हर बार होती है जो जीवन को कई तरह के एहसासों कि ताकद हर पल देकर चलती जाती है जो जीवन को अलग एहसास देकर आगे बढती है हमे आगे लेकर चलती रहती है रुकना भूल जाती है।
जब हम रोकना चाहे तो जीवन कि कहानी रुकती नही है तो क्यूँ ना जिये उस दिलचस्प कहानी को उस धारा को रोकने कि कोई जरुरत किसी भी पल नही होती है क्योंकि जीवन को चलते हुए आगे बढते जाने कि जरुरत हर बार हमे हो जाती है।

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