Tuesday 27 September 2016

कविता. ९५३. मौके के अंदर कि कहानी।

                                                            मौके के अंदर कि कहानी।
हर मौके के अंदर जीवन को अलग एहसास मिलता है जो जीवन कि धारा को अलग समझ देकर चलता है जब जीवन मे हर मौका आगे बढता है तब हर एक पल मे जीवन को अलग समझ देकर आगे चलता है जो एहसास दे जाता है।
हर मौके के अंदर जीवन को कई कहानियों कि सौगाद मिलती है जो जीवन मे हर एक कदम पर अलग तरह कि आस देती है जो जीवन को अलगसा जसबा देकर हर मोड पर आगे बढती रहती है जो मौकों को ताकद दे जाती है।
हर मौके के अंदर जीवन को कई किस्सों कि जरुरत हर बार रहती है जो जीवन मे कहानी को अलग समझ और जस्बात देकर आगे बढती है जो जीवन को हर बार अलग तरह कि ताकद देकर आगे बढती है मौकों मे ही तो उसे जाना जाता है।
हर मौके के अंदर जीवन को कई हिस्सों कि आस मिलती है जो जीवन को अलग तरह कि आदत हर बार देकर चलती है जो मौकों को अलग तरह का एहसास दे जाती है जो जीवन मे हर एक मौके के अंदर अलगसी प्यास देकर जाता है।
हर मौके के अंदर जीवन को कई किनारों को समझकर आगे बढते जाने कि जरुरत हर मोड पर रहती है जिसमे हमारी दुनिया जिन्दा रहती है जो दुनिया को अलग तरह कि समझ देकर आगे चलती है जो जीवन को जस्बात देकर आगे जाता है।
हर मौके के अंदर जीवन को सतरंगी सोच नजर आती है जिसे समझकर धीमे धीमे से आगे बढते जाने कि जरुरत जीवन मे होती है जो मौकों को हर बार साँसे दे जाती है जिन्हे समझ लेने कि चाहत मन मे हर बार जिन्दा हो जाती है जिसके सहारे जीवन आगे जाता है।
हर मौके के अंदर जीवन को अलग तरह के एहसासों कि खुशबू नजर आती है जो जीवन कि कहानी को कई तरह के मकसद देकर चलती जाती है जो जीवन को अलग तरह कि प्यास देकर आगे बढती जाती है जो जीवन को मकसद दे जाता है।
हर मौके के अंदर जीवन को कई किनारों को समझ लेने कि जरुरत हर बार नजारों मे रहती है जो जीवन मे हर एक पल मे जो मतलब दे जाती है जो मौकों को समझ देकर आगे बढती जाती है जो जीवन मे हर मौका जीवन कि बजह बन जाता है।
हर मौके के अंदर कई खयालों कि हकिकत जिन्दा होती रहती है जो जीवन को कितने मौकों मे आगे लेकर चलती है क्योंकि मौकों मे ही तो कदमों को एहसास देकर जाने कि सोच अक्सर जिन्दा रहती है क्योंकि वह सोच तो मौका ही देकर जाता है।
हर मौके के अंदर कई किनारों कि ताकद जीवन मे समझ लेने कि जरुरत अक्सर होती है जो जीवन मे कई मौकों मे और कई कदमों के अंदर जिन्दा रहती है जो जीवन को मौकों के अंदर समझ देती है जो मौकों से ही कदमों कि ताकद देकर जाता है।

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