Wednesday 14 September 2016

कविता. ९२६. हर पल हवाओं को समझकर।

                                          हर पल हवाओं को समझकर।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि मौसम को जरुरत होती है जो मौसम के बदलाव को परखकर आगे चलते जाने कि उम्मीदे हर पल जीवन को अलग एहसास देकर आगे बढती जाती है मौसम के अंदर ही तो हवाए बदलाव लाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि मौसम को समझ हर बार होती है वह हम से नही वह तो कुदरत से आती है क्योंकि हवाए तो जीवन का एहसास देकर चलती है हवाए ही तो जीवन मे बदलाव देकर आगे बढती जाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि मौसम को अहमियत हर बार होती है जो हवाओं मे बदलाव देकर हर एक मौके पर अलग तरह कि प्यास तो अक्सर जीवन मे रहती है जो जीवन को हवाओं का अलग एहसास देकर बढती जाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि मौसम को अक्सर अलग जरुरत रहती है जो जीवन को अलग तरह कि पुकार हमे आगे लेकर चलती जाती है जो जीवन को हवाओं का मतलब सिखाती है जो जीवन को अलग मौसम का बदलाव देकर बढती जाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि जरुरत जीवन कि हर कहानी मे रहती है जिसे समझ लेने से ही तो दुनिया रंग बदलती रहती है हवाओं मे ही मौसम के बदलाव कि कहानी हर बार लिखी रहती है जो जीवन को आगे लेकर बढती जाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि आदतसी होती है क्योंकि हवाए ही तो जीवन कि कहानी कहती है जो हमे आगे लेकर चलती रहती है हर पल जीवन मे हवाए आगे जाती है जो जीवन को अलग लेकर बढती जाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि जरुरत जीवन मे हर मौके पर रहती है जो जीवन को कई हिस्सों मे अलग अलग दिशाओं मे हर बार आगे लेकर चलती है जो जीवन मे हवाओं कि कहानी को अलग तरह का मकसद देकर बढती जाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि जरुरत मौसम को होती है पर मौसम कि कहानी हर बार बदलाव देकर चलती है जो जीवन को आगे लेकर चलती है जो हमे हवाओं कि कहानी हर बार सुनाती रहती है जो हवाओं के संग आगे लेकर बढती जाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे चलते जाने कि ताकद मौसम मे ही रहती है जो जीवन मे आगे लेकर जाती है और जीवन के कई मकसद और राज कहती रहती है हवाओं को बदलाव कि जरुरत हर बार रहती है जो हवाओं के संग आगे लेकर बढती जाती है।
हर पल हवाओं को समझकर आगे बढते जाने कि जरुरत हर बार जीवन को अलग तरह कि प्यास देकर चलती रहती है जो हवाओं के सहारे मौसम मे बदलाव देकर चलती है जो हवाओं को समझकर ही तो जीवन मे आगे चलती है जो हवा को समझकर बढती जाती है।

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