Thursday 4 August 2016

कविता. ८४५. हर कदम पर हर किनारे।

                                           हर कदम पर हर किनारे।
हर कदम पर हर किनारे मे एक नई उम्मीदसी होती है जो जीवन के किनारों मे कई खयालों कि ताकद देकर हर बार अागे चलती रहती है।
हर कदम पर हर किरदार के संग दुनिया अलग एहसास देकर आगे चलती जाती है जिसे परख लेने पर ही तो दुनिया कि अलग किस्मत नजर आती है।
हर कदम पर हर पल मे जीवन को समझ लेना जरुरी लगता है जीवन मे उसकी ही जरुरत पडती रहती है हर कदम के अंदर जीवन कि ताकद रहती है।
हर कदम पर हर मोड पर जीवन को अलग एहसास देकर दुनिया आगे बढती जाती है जीवन कि हर एक सोच मे नई रफ्तार दिखती रहती है।
हर कदम पर समझकर जीवन को अलग पहचान बनानी पडती है जिसके अंदर ही कई मोड पर जीवन कि कहानी सुनने कि जरुरत रहती है जो रोशनी देकर चलती है।
हर कदम पर समझ लेने कि जरुरत जीवन मे होती है जो जीवन को हर मोड पर अक्सर कई बहाने देकर आगे बढती रहती है जो जीवन कि कहानी बदलती है।
हर कदम पर हर मोड पर चलते जाने कि जरुरत जीवन मे हमेशा होती है जो हमारी दुनिया को बदलकर आगे बढती जाती है दुनिया कि कहानी बदलती है।
हर कदम पर हर मोड मे जीवन को समझकर आगे बढते जाने कि जरुरत जीवन मे हर पल होती है जो जीवन को रोशनी दे जाती है जीवन को अक्सर आगे लेकर चलती है।
हर कदम पर हर राह मे जीवन कि कहानी बनती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर पल जीवन मे कई खयालों से आगे बढते रहने कि जरुरत होती है जो जिन्दगी दे जाती है।
हर कदम पर हर मौके मे जीवन कि कहानी बनती है जो हमे हर दिशा मे कुछ अलग तरह का असर देकर चलती है जो आगे बढती हुई हर मोड पर जाती रहती है।

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