Sunday 21 August 2016

कविता. ८७८. जीवन के हर पल मे।

                                        जीवन के हर पल मे।
जीवन के हर पल मे कुछ अलग संगीत छुपा होता है जिसे समझ लेना ही जीवन कि अलग पहचान होती है पल को समझ लेना ही तो जीवन का सही खयाल होता है पर कब समझे उस पल को जिसमे तो जीना होता है।
जीवन के हर पल मे कई रंगों का एहसास होता है जिनमे जीवन का अलग मकसद और एहसास छुपा होता है जो जीवन कि कहानी को हर बार बदलाव देकर जाती है क्योंकि पल मे ही तो जीवन का हर एहसास जिन्दा रहता है।
जीवन के हर पल मे तो हमे हसना और रोना होता है जिन्हे परखकर ही जीवन कि प्यास होती है जो पलों मे दुनिया को जिन्दा रखता है जिनमे जीवन का एहसास जिन्दा रहता है जिसे परख लेना ही जीवन मे जरुरी होता है।
जीवन मे हर पल मे तो कई एहसासों को समझ लेना ही जरुरी और अहम होता है जो हमे हर पल आगे लेकर चलता जाता है पलों के अंदर ही तो जीवन कि धारा को जिन्दा रखने का एहसास छुपा होता है जो हमे आगे लेकर जाता है।
जीवन को हर पल मे दुनिया कई राहों से आगे बढते जाने का एहसास होता है क्योंकि पलों के अंदर ही जीवन के किसी सोच का एहसास होता है जिनमे जीवन का नया रंग होता है जिसे हर बार जी कर आगे बढते जाना जरुरी होता है।
जीवन को हर पल मे जिन्दा रहना होता है क्योंकि पलों के साथ ही तो मुस्कान और गमों का एहसास छुपा होता है जो जीवन को हर पल अलग रोशनी देकर जाता है हमे धीमे धीमे दुनिया मे आगे लेकर चलता जाता है।
जीवन को हर पल मे जिन्दा रखने कि जरुरत जीवन को हर मौके मे रहती है जिसे समझ लेने कि चाहत जीवन को मतलब और मकसद अलग तरह का हर बार देती है क्योंकि पलों मे ही तो हमारी दुनिया जिन्दा रहती है।
जीवन को हर पल मे जीना जरुरी होता है क्योंकि पल ही तो जीवन कि साँसे होता है बिना पल के कोई जीवन का एहसास नही होता है जो जीवन को हर मोड पर आगे बढाता है क्योंकि पल को समझ लेना उसे जीते मुमकिन नही होता है।
जीवन को हर पल मे जिन्दा रखना हर बार कि जरुरत होती है क्योंकि पलों कि ही तो कहानी जरुरी होती है पल को समझकर ही तो दुनिया हर बार जिन्दा रहती है पल के अंदर ही तो जीवन कि खुशियाँ और गमों कि सौगाद जिन्दा रहती है।
जीवन को हर पल मे जीना ही तो जीवन कि सही आवाज होती है जो उस आवाज को सुन लेता है उसे ही हमारी दुनिया हर बार जिन्दा रखती है जीवन को नये मौकों मे जिन्दा रखती है जीवन मे खुशियों कि सौगाद हो या गमों कि बरसात हो वह पलों मे ही होती है बिना पल कुछ नही होता है कुछ ना हो उस से बेहतर गम कि सौगाद होती है जो खुशियाँ तो अक्सर लाती है।

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