Monday 8 August 2016

कविता. ८५३. रात के अंधियारे मे जीवन।

                                           रात के अंधियारे मे जीवन।
रात के अंधियारे मे जीवन कि आवाज सुनाई पडती है जिसे परखकर आगे चलते जाने कि जरुरत हर बार नजर आती है क्योंकि कभी कभी जीवन के अंधियारे मे ही जाने कि जरुरत होती है
रात के अंधियारे से नफरत क्यूँ करनी है कभी कभी उसमे ही रोशनी छुपी रहती है जो हमे उजाले कि ताकद देकर हर बार आगे बढते जाने कि जरुरत हर मोड पर होती है।
रात के अंधियारे को क्यूँ रोके उसमे ही कई दिलचस्प कहानियाँ छुपी हुई रहती है वह भी हिस्सा है हमारे जीवन का उसमे भी कई खूबीयाँ छुपी होती है उसकी भी जीवन मे हर बार जरुरत मेहसूस होती रहती है।
रात के अंधियारे को समझकर जीवन कि कहानी बडी खास बनती है जीवन मे उजाले को समझ लेने कि जरुरत हर मोड पर होती है पर अँधियारे मे भी जीवन के कई लम्हें छुपे होते है माँ कि लोरी छुपी होती है।
रात के अंधियारे से जब डर लगने लगे तो वह मधूर आवाज सुननी होती है जो कई रातों कि खुशियों कि और नींदों कि बजह होती है जो जीवन कि धारा को बदलकर हर बार आगे बढती रहती है।
रात के अंधियारे मे ही तो जीवन कि आधी कहानी छुपी रहती है जिसे पढने कि जरुरत जीवन मे हर पल हमारे सोच को होती है जो जीवन कि निशानी बनती है जो हमे जीवन कि एक अलग कहानी बताती रहती है।
रात के अंधियारे मे ही तो जीवन कि एक अलग निशानी दिखती है जिसमे हर बारी कोई बात सुहानी सुननी होती है आधे जीवन को ना चाहे तो जीवन कि क्या खाक कहानी बन सकती है उसकी कहाँ निशानी बनती है।
रात के अंधियारे मे अगर हमारे आधे दिन छुपे होते है उन्हे चाहते रहने कि जरुरत हर बार होती है क्योंकि उनमे चीजे नही दिखती है इसका मतलब यह नही होता है कि उनमे जीवन कि मुसीबत हर मोड कि सच्चाई नही होती है।
रात के अंधियारे से ज्यादा जीवन कि कई बाते डरने लायक होती है जिन्हे समझ लेने कि जरुरत हर दिशा मे होती है उनसे दूर रहना ही जीवन कि सच्ची ताकद होती है अंधियारे से ज्यादा उनसे डरने कि जरुरत जीवन मे अक्सर होती है।
रात के अंधियारे मे जीवन को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है क्योंकि उसके अंदर की दुनिया हर बार बुरी नही होती है कई बार वह उजाले से बडी खूब होती है क्योंकि वह भी तो सिर्फ हमारे जीवन कि अलग कहानी होती है।

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