Friday 12 August 2016

कविता. ८६०. हर पल मे जीवन।

                                          हर पल मे जीवन।
हर पल मे जीवन कि कोई दास्तान छुपी होती है जो हर पल दुनिया को खुद कि सोच से ही तो आगे लेकर चलती जाती है जो जीवन को हर पल जिन्दा रखती है।
हर पल मे जीवन कि दास्तान लिखी जाती है क्योंकि उन दास्तान के अंदर कि ताकद हमे अंधियारे मे भी उजाले कि ताकद दिखती है जो जरुरी होती है।
हर पल मे जीवन कि कहानी कई पन्नों मे लिखी जाती है जो हमे ताकद दे जाती है जीवन को अलग तरह कि आवाज देकर आगे चलती जाती है जिसकी जरुरत होती है।
हर पल मे जीवन के हर लम्हे कि कहानी छुपी होती है जिसमे जीवन कि अलग कहानी बता दियी जाती है जो लम्हे को साँसे देकर आगे चलती जाती है।
हर पल मे नई उम्मीदे और रफ्तार छुपी होती है जो जीवन को हर मोड पर कुछ अलग तरह का असर देकर आगे बढती जाती है जो जीवन को ताकद देकर चलती है।
हर पल मे कई खयालों कि ताकद होती है पर कभी कभी कुछ पलों मे सिर्फ खालीपन का एहसास  होता है जो जीवन को समझ और हर बार आगे बढते रहने कि ताकद देता है।
हर पल मे जीवन कि एक आवाज छुपी होती है जो हमे आगे बढते जाने कि उम्मीदे और रफ्तार देकर जाती है जीवन को मकसद देकर आगे चलती जाती है।
हर पल मे जीवन कि अलग ताकद छुपी होती है जो हमे आगे लेकर चलती जाती है जो हमे पलों कि पहचान को समझकर आगे लेकर चलती है जो हमे ताकद दे जाती है।
हर पल मे जीवन कि सौगाद ही होती है जो जीवन को साँसे देकर आगे चलती जाती है जीवन को नई पहचान देकर आगे बढती चली जाती है जो जीवन को अलग एहसास दे जाती है।
हर पल मे कुछ ऐसी ताकद छुपी होती है जो जीवन कि जरुरत बदलकर आगे बढती है पर कुछ पलों कि दुनिया बिना मतलब कि होती है पर उसे जीने कि भी जरुरत होती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...