Wednesday 31 August 2016

कविता. ८९९. किसी सोच को हम रोकना चाहे।

                                    किसी सोच को हम रोकना चाहे।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो भी वह रुकती ही नही है जो सही बात कि रोशनी लाती है वह सोच दुनिया का एहसास बदले बिना आगे बढती नही है क्योंकि सोच को समझ लेने कि जरुरत हर मोड पर देकर चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो दुनिया कि कहानी बदलती रहती है क्योंकि वही कहानी को अक्सर हमारी हकिकत बनकर आगे बढती जाती है जो जीवन को अलग तरह कि राहे दे दुनिया को अलग समझ देकर चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो भी अगर वह सच्ची हो तो रुक नही पाती है जो जीवन को मतलब दे जाये वह बात जीवन कि दिशाए बदलकर रखती जाती है क्योंकि सोच को समझ लेने कि जरुरत हर बार जीवन को उजाला देकर चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो भी जीवन कि राह आसानी से आगे नही बढती है जो सोच को कई किनारों मे बदलाव दे जाये वह बात अक्सर जीवन कि उम्मीद बनकर आगे बढती जाती है वह सोच के ताकद के संग आगे चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो भी अगर वह सोच उम्मीदे दे जाती हो तो वह रुक नही पाती है सोच को कई मोड पर समझ लेने कि जरुरत जीवन मे हमेशा नजर आती है जो हमे कई तरह कि उम्मीदे देकर अक्सर आगे चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो भी वह सोच उस मौके पर रुक नही सकती है जो आगे बढना चाहती है वह सोच किसी मोड पर रुक जाये वह बात हर बार सही लगती है जो जीवन के कई किनारों को समझ लेने कि ताकद देकर आगे चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो भी अगर वह सोच सही हो तो वह हर मुश्किल को तोडकर आगे बढती जाती है क्योंकि वह सोच कई तरह के इरादों को अलग तरह के मकसद देकर चलती जाती है सोच जीवन कि धारा को बदलकर आगे चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो जीवन कि कहानी हर बार बदलाव देकर आगे चलती जाती है क्योंकि सोच के अंदर कई खयालों को समझ लेने कि ताकद हर बार होती है जिसे समझ लेने कि जरुरत सोच के कई हिस्सों मे होती है सोच उनके ताकद से ही तो आगे चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे पर अगर वह सही हो तो वह किसी मोड पर रुक नही पाती है क्योंकि सोच मे ही तो सच्ची ताकद छुपी होती है जो जीवन कि दिशाए बदलती रहती है जो हमे आगे लेकर किसी ओर लेकर चलती जाती है।
किसी सोच को हम रोकना चाहे तो भी अगर वह मजबूत हो तो वह रुक नही पाती है क्योंकि सोच ही तो दुनिया को कई हिस्सों मे बदलती जाती है वह सोच ही तो जीवन कि कहानी लिखती जाती है वह जीवन मे आगे चलती जाती है।

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