Wednesday 20 July 2016

कविता. ८१५. किसी धारा को समझ लेना।

                                            किसी धारा को समझ लेना।
किसी धारा को समझ लेना जरुरी होता है जिसे समझकर ही तो दुनिया को मतलब और मकसद मिल पाता है जो रोशनी देकर आगे बढता जाता है।
किसी धारा मे एक लकिरसी होती है जिसे समझकर आगे बढते जाने कि जरुरत दुनिया को हर मौके पर मिलती है जो अक्सर हमे उम्मीदे देकर चलती है।
किसी धारा के बहने से ही तो जीवन को हर पल मकसद मिल जाता है जिसे समझ लेने पर ही तो दुनिया को एहसास जुदा मिल पाता है जो आगे ले जाता है।
किसी धारा को समझकर कुछ अलग एहसास देकर जाता है जिसे परखकर आगे चलते जाना हमे अलग किसम कि दुनिया और कहानी दे जाता है।
किसी धारा मे जीवन को बहते जाना होता है जिसे परखकर ही तो दुनिया का कोई अलग किस्सा समझ आता है जो जीवन को रोशनी दे जाता है।
किसी धारा मे सीधे चलते रहना ही हर बार जरुरी नजर आता है पर धारा कहाँ सीधे चलती है दिशाओं को बदल देना हर पल हर मोड पर उसका मकसद नजर आता है।
किसी धारा को बदलकर ही तो जीवन हर बार बदलाव दिखाता है जिसे समझ तो लेते है हम पर उसे परख लेना हर बार अहम नजर आता है रोशनी दे जाता है।
किसी धारा को समझकर आगे चलते रहना जरुरी होता है जिसे समझ लेते है तो जीवन को परखकर आगे बढते जाना हर पल अहम नजर आता है।
किसी धारा मे जीवन जब जुड जाता है उसे समझ लेते है तो वह धारा जीवन को साँसे दे जाती है जीवन कि दिशाए बदलती चली जाती है उसमे ही तो उम्मीदों का किनारा हर पल रहता है जो रोशनी देता है।
किसी धारा को सीधे समझ लेना अक्सर आसान होता है पर उस धारा का सीधा होना हर बार आसान नही होता है उसका बहना कई दिशाओं मे होता है।

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