Saturday 23 July 2016

कविता. ८२०. कहानी को समझ लेना।

                                                 कहानी को समझ लेना।
कहानी को समझ लेने कि चाहत जीवन को कई बार नही लगती क्योंकि जीवन कि धारा हर बार आगे बढती जाती है जो मतलब देकर चलती जाती है।
कहानी को पढने कि जरुरत कई बार नही लगती है क्योंकि कहानी हमारे जीवन का मतलब बदलकर आगे बढती चली जाती है जो जीवन को तसल्ली दे जाती है।
कहानी को ही समझकर लिखी बाते कई चीजे सिखाती है जिनमे जीवन कि शुरुआत हर पल हर बार हो जाती है जो जीवन कि दिशाए बदलकर आगे चलती जाती है।
कहानी को पढने कि जरुरत हर बार नही लगती है जिस कहानी को समझकर आगे बढते रहने कि जरुरत जीवन मे हर पल होती है जो जीवन को मकसद देकर चलती है।
कहानी को अलग अलग पन्नों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन मे हर मोड पर आगे चलते रहने कि उम्मीदे हर पल आगे बढती जाती है जो हमे आगे बढाती जाती है।
कहानी को परख लेना ही तो जीवन को नया एहसास देकर चलती जाती है जिन्हे समझकर आगे चलते रहने कि जरुरत जीवन कि धारा को हर पल रहती है जो रोशनी दे जाती है।
कहानी के हर मोड पर समझकर आगे चलते जाने कि जरुरत जीवन मे हर बार अलग एहसास देकर जाती है जो जीवन कि कहानी को बदलाव दे जाती है।
कहानी को समझकर आगे ले जाने कि अहमियत जीवन मे हर बार मेहसूस होती है जो जीवन को बदलती जाती है जीवन कि नई शुरुआत होती है।
कहानी को समझकर अलग एहसास कि शुरुआत हर बार होती है जो जीवन कि कहानी को एक अलग मकसद और मतलब देकर आगे बढती है।
कहानी ही तो जीवन को साँसे हर बार देती है जो हर पल दुनिया को बदलाव का एहसास दे जाती है जो हमे नई उम्मीदे और रफ्तार हर पल देती है।

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