Monday 18 July 2016

कविता. ८११. बारीश के बूँदों से।

                                                बारीश के बूँदों से।
बारीश के बूँदों से ज्यादा जीवन मे किसी और चीज कि तलाश है जीवन को समझ लेते है हम पर फिर लगता है कुछ बाकी बची हुई बात है।
बारीश के बूँदों को समझ लेना जीवन कि सबसे अहम बात है जो दोहराती है जीवन को कुछ उस तरीके से जिसे समझ लेना जरुरी बात है।
बारीश के बूँदों कि कहानी हर बार बदलती रहती है क्योंकि जीवन के हर एक मौके पर दुनिया मे बदलती हुई हर बार अलगसी बात है।
बारीश के बूँदों को दोहराती है वह कहानी हर बार अलग नजर आती है जिसके अंदर दोहराने कि ताकद हर पल हर बार होती है।
बारीश के बूँदों को समझ लेने कि जरुरत होती है जिनमे जीवन कि खुशियाँ हर बार छुपी होती है जो जीवन कि कहानी हर पल बदलकर आगे बढती रहती है।
बारीश के बूँदों का बार बार आकर आगे बढते जाना जीवन कि जरुरत होती है जो जीवन मे हमे साँसे देकर हर पल जीवन कि कहानी बदलकर आगे बढती है।
बारीश के बूँदों कि कहानी जब बदलती है वह हर पल हर एक मौके पर दुनिया को बदलाव देकर आगे अलग तरीके से बढती रहती है जो दुनिया का रंग बदलती है।
बारीश के बूँदों का गिरना हर बार एकसा होता है जो जीवन को समझाने कि जरुरत हर कदम होती है जीवन को अलग अलग मौके देकर आगे बढती है।
बारीश के बूँदों से जीवन को परखकर आगे चलते रहने कि जरुरत हर दिशा मे होती है जो जीवन कि कहानी बदल देती है जो जीवन कि धारा बदलती है।
बारीश के बूँदों को ही समझ लेना जीवन कि जरुरत होती है क्योंकि वही तो जीवन कि कहानी होती है हर मोड पर जीवन कि निशानी बदलती रहती है उम्मीदे देकर चलती है।

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