Thursday 21 July 2016

कविता. ८१७. बार बार जब जीवन मे।

                                                बार बार जब जीवन मे।
बार बार जब जीवन मे कोई अलग तरह का असर हो जाता है जो जीवन कि कहानी को समझकर हर पल दिशाए बदलकर आगे लेकर बढता जाता है।
बार बार जीवन कि कहानी अलग तरह कि होती है जो जीवन को किसी और तरीके से दुनिया के रंग दिखाती है दुनिया बदलती जाती है।
बार बार दुनिया को समझ लेने कि जरुरत हर पल जीवन मे नजर आती है जो हमे हर मोड पर कोई मकसद अलग तरह का देकर चलती जाती है।
बार बार जीवन कि कहानी बदलती जाती है जो हमे समझ तो किसी और तरीके कि जीवन मे दे जाती है जो हमे जिन्दगी मे आगे लेकर बढती चली जाती है।
बार बार किसी चेहरे कि याद जब आती है हमारे जीवन कि उम्मीदे फिर से जिन्दा हो जाती है वह जीवन का मकसद बदलती जाती है जो जीवन कि दिशाए और धारा को बदलती जाती है।
बार बार किसी जीवन कि कहानी को समझकर नई रफ्तार देकर चलती जाती है उसी तरह से जीवन कि कहानी आगे बढती चली जाती है।
बार बार किसी दिशा से जीवन को समझ लेने कि जरुरत और अहमियत हर पल मे नजर आती है जो जीवन को नया एहसास देकर आगे बढती चली जाती है।
बार बार किसी सोच से जीवन कि दिशाए बदलती जाती है जो वह दास्तान सुनाती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर मौके पर अक्सर नजर आती है।
बार बार जीवन मे कई किसम कि सोच जो हमे दिशाए देकर आगे चलती जाती है जो हमे नई उम्मीदे देकर आगे बढते जाने का मौका देकर चलती जाती है।
बार बार जीवन को अलग सुबह कि जरुरत होती है उस सुबह मे कई तरीकों को समझकर जीवन कि कहानी एहसास अलगसा देकर आगे चलती जाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२४. बदलाव को लहरों की।

                                बदलाव को लहरों की। बदलाव को लहरों की मुस्कान कोशिश सुनाती है दिशाओं को नजारों संग आहट तराना सुनाती है आवाजों...