Wednesday 8 June 2016

कविता ७३०. मन कि हर धारा मे

                                                 मन कि हर धारा मे
हर धारा को समझकर जीवन मे आगे चलने कि जरुरत होती है जीवन के हर मोड पर जीवन कि कहानी को समझकर आगे चलने कि अहमियत होती है
जिस धारा को परखकर दुनिया हर मौके मे खुशियाँ पाती है जिन्हे समझकर आगे चलने कि दुनिया मे जरुरत होती है पर अगर हम अपनी खुशियाँ अलग पाये तो दुनिया खुबसूरत होती है
जीवन कि हर धारा को दुनिया कि जरुरत नही होती है जिसे हर पल हम समझ लेते है वह बात समझ लेना बडी मुश्किल होती है
हर सोच को हम परख लेना चाहते है वह सोच हमारी जरुरत लगती है किस्मत के हर मोड पर जीवन कि दुनिया खुबसूरत होती है
जीवन कि धारा तो सोच को बदलकर आगे लेकर चलती रहती है जब अपने मन को समझ लेते है तो अपनी दुनिया तो खुबसूरत बनती है
जब जीवन को परख लेते है तो जीवन कि दिशाए बदलती रहती है वह मन को उम्मीदों कि समझ देकर हर पल आगे चलती है
मन कि ताकद को समझकर और परखकर दुनिया हर बार बदलती है जब हमारी पूरे मन से कोशिश हो तो हमारी दुनिया बदलती है
जीवन कि हर एक सोच को सही मोड पर ले जाने कि जरुरत पडती है क्योंकि सही सोच से ही तो हमारी दुनिया बनती और बिघडती है
जीवन को समझ लेने कि हर मोड पर जरुरत होती है क्योंकि जीवन कि धारा को बदल लेने कि जरुरत हर पल पर होती ही है
जीवन मे सोच को परख लेने कि मन को हर बार जरुरत होती ही है अपने मन के सोच कि ताकद पर मन कि दुनिया मिलती है मन कि खुशियाँ बनती है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४७. अरमानों को दिशाओं की कहानी।

                       अरमानों को दिशाओं की कहानी। अरमानों को दिशाओं की कहानी सरगम सुनाती है इशारों को लम्हों की पहचान बदलाव दिलाती है लहरों...