Wednesday 29 June 2016

कविता. ७७२. हर उम्मीद कि चुभन।

                                           हर उम्मीद कि चुभन।
हर उम्मीद जो जीवन को नई आशाए देती है जो हमे समझ नही पाती है ऐसी भी होती है कुछ उम्मीदे ऐसी भी होती है जो जीवन को बदलकर रख देती है।
क्योंकि जीवन मे जो दुजे को रुलाती है वह जाने क्यूँ हमे ना भाँती है पर दुनिया को खूब हर पल नजर आती है जीवन को बदल देती है।
पर किसी कोने मे छुपकर रहने से ही मन को उम्मीदे मिल पाती है जिन्हे पा लेने पर ही तो दुनिया हमारी खुशियाँ बनती है छुपना ही उस पल कि सही बात नजर आती है।
जीवन को उम्मीदे मिल पाए या ना पाए दुजे से खुशियाँ छीन लेने से हमारी दुनिया कतराती रहती है जीवन कि दिशाए उलझे पर रुकना यही बात सही नजर आती है।
जीवन मे दुनिया हर बार किसी अलग अंदाज मे नजर आती है जीवन को परख लेने से ही तो अपनी दुनिया बन पाती है जीवन को बदलकर चलती जाती है।
जीवन मे उम्मीदे अक्सर कम नजर आती है पर दुजे से छीन लेने इतनी जरुरत हमे कभी नजर नही आती है जो दुनिया बदलकर जाती है।
जीवन का हर पल दुनिया को बदल देता है पर जीवन को वही एहसास सही नजर आता है जो सबको खुशियाँ हर पल दे पाता है।
जीवन मे छीन लियी जाये वह बात हमारे जीवन को सही नजर आती है जो जीवन को नई कोशिश देकर जाती है वह दुआ देकर आगे जाती है।
जीवन मे उम्मीदे तो बस उसी सोच से होती है जो सबको खुशियाँ देकर जाती है जो जीवन को नई आशाए देती है मुश्किल राह से सही वह उम्मीदे देकर जाती है।
शायद दुजे से छीन लेना दुनिया को भाता हो पर हमारे मन को एक चोट नजर आती है जो जीवन को हर मोड पर मुनाफा दे जाये पर मन को एक चोट दे जाती है।

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