Monday 2 May 2016

कविता ६५६. लोगों कि आदत

                                            लोगों कि आदत
 दुनिया मे कुछ लोगों कि आदत बदलने कि नही होती है कुछ किस्सों मे वह खुशियाँ देती है पर कुछ किस्सों मे वह दुनिया को मतलब नही दे पाती है
क्योंकि उनकी आदत कमजोरी बनकर नजर आती है वह जीवन को उम्मीदे हर बार नही देती है क्योंकि गलत आदत हर बार गलत असर देती है
जिस आदत को हम ना समझ सके उसके अंदर अक्सर हमारी दुनिया रहती है जो हमे जीवन के अलग किनारे दिखाकर चलती है
हर आदत के नक्शों कि दिशाए हर बार सही नही होती है जो जीवन को समझ दे जाये वह सोच हर बार हर पल जरुरी मेहसूस होती है
आदत के हर रंग को समझ लेने कि जीवन मे हर मोड पर जरुरत होती है क्योंकि आदत ही हमारी दुनिया बनाती है और दुनिया बदलती है
जीवन मे आदत को समझकर चलने कि हर बार हर पल जरुरत होती है क्योंकि आदत ही तो हमारी दुनिया के कई किनारों को काबू मे रखती है
जीवन कि हर सोच हमारे आदत से ही तो बनती है आदत को परखकर दुनिया को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है जो रोशनी दे जाती है
आदत को समझकर आगे चलने कि जरुरत हर पल होती ही है आदत मे ही तो जीवन कि सच्चाई हर बार हर पल मे छुपी होती है
आदत ही जीवन को रोशनी देती है तो कभी किसी पल सन्नाटे मे झोक देती है आदत के बिना हमारी दुनिया नही बन पाती है
जीवन मे आदत को समझकर ही तो हमारी खुशियाँ बनती है इसलिए ही तो आदत सबसे जरुरी होती है जो जीवन कि ताकद होती है तो कभी कमजोरी भी होती है
आदत को पेहचान लेने कि जरुरत ही दुनिया को मतलब देती है आदत ही हमारी जरुरत और हमारी वह दिशा होती है जो रोशनी देकर जाती है 

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