Sunday 8 May 2016

कविता ६६६. छोटीसी बूँद को समझकर

                                             छोटीसी बूँद को समझकर
बूँदों को समझकर जीवन मे पानी का एहसास मिला है छोटीसी एक बात मे उम्मीद कि दुआ मिली है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर दम दिखी है
जब बात कोई जीवन मे छोटीसी होती है वह एहसास अलग तरह का हर बार देकर चलती है जिसे परख लेने कि अहमियत हर मोड पर होती है
हमे जीवन मे बाते समझ लेने कि जरुरत हर मौके मे रहती है जो जीवन कि धारा को हर बार बदलती है उसे परख लेने कि जरुरत होती है
छोटी छोटी बातों से ही दुनिया कि कहानी हर बार जीवन को रोशनी देकर आगे बढती रहती है छोटी बात ही तो कह देते है पर उस से कहानी बनती है
क्योंकि हर छोटी बात हमे जितनी छोटी लगती है उतनी छोटी नही होती है छोटीसी सौगाद हमारे खातिर एक अहम बात बनकर आगे चलती है
छोटी चीज को परखकर ही तो दुनिया कि बात हर पल बन जाती है वह हमे उम्मीदों के किनारे हर दम देकर आगे चलती जाती है
छोटीसी बात जीवन कि एक जरुरी सौगाद बन जाती है जो हमे आगे लेकर जाने कि सोच हर पल और हर दम बदलती रहती है
छोटी छोटी बाते ही जीवन को साँसे देकर जाती है पर उन्हे परख लेने कि जरुरत हर बार होती है जो छोटीसी बात को कुछ एेसा बनाती है कि उसमे सबसे बडी अहमियत होती है
छोटीसी शुरुआत हमारे जीवन का एहसास बदल देती है जो हर पल हमे अलग तरीके कि सोच देती है जो हमे आगे ले जाती रहती है
छोटी बात ही हर चीज को बदलकर बूँदों जाती है जीवन कि कहानी सही दिशा मे कई बार बदल पाती है खुशियाँ देकर जाती है

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