Thursday 26 May 2016

कविता ७०४. रोशनी के लिए मेहनत

                                            रोशनी के लिए मेहनत
हर किरण कि रोशनी जब जीवन मे आती है उस रोशनी को काबू करने कि चाहत मन को हो जाती है मन कि दिशाए बदल लेने कि जरुरत हर पल होती है
रोशनी तो मन को काफी भाती है सबसे जरुरी बात तो यह होती है कि रोशनी को पाने के लिए जीवन मे मेहनत करते रहते है जो जीवन को मतलब देते है
रोशनी तो जीवन कि सबसे जरुरी बडी जरुरत होती है जो हमे आगे लेकर हर पल बढती जाती है जो जीवन को अलग मतलब दे जाती है
रोशनी ही जीवन कि कहानी होती है जो मेहनत से मिलती है वह एक बार नही होती है वह जीवन मे बार बार करनी होती है
रोशनी कि शुरुआत हर पल नई उम्मीद से होती है जो जीवन को आगे लेकर हर पल बढती जाती है जीवन को मतलब दे जाती है
क्योंकि रोशनी एक बार कि अलग मेहनत करती है जिसमे अलग सोच हर पल होती है जो जीवन को बदलकर हर मोड पर रख देती है
रोशनी ही तो जीवन कि सच्चाई होती है जो जीवन को हर पल आगे लेकर चलती है जिसे समझकर आगे बढने कि जरुरत होती है
क्योंकि रोशनी ही तो जीवन कि तलाश होती है जो जीवन को अलग किसम कि राह दिखाकर आगे बढती जाती है पर उसे समझ लेने से दुनिया कतराती है
हर रोशनी मे एक एहसास और एक ताकद छुपी रहती है जिसे समझ लेने कि हर मोड पर जरुरत होती है जो जीवन को उम्मीदे देती है
रोशनी ही तो जीवन कि सच्ची ताकद छुपी है पर वह एक बार मे हासिल नही होती है उसे पाने कि मेहनत हर पल करते रहनी पडती है

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