Thursday 7 April 2016

कविता ६०६. मन कि रोशनी

                                              मन कि रोशनी
राह मे अक्सर रोशनी कि जरुरत होती है पर वह रोशनी मन कि रोशनी होती है जो हमे जरुरी तो लगती है पर उसका एहसास जिन्दगी बदलकर जाता है
रोशनी जो मन कि ताकद होती है वही तो जीवन का सच्चा उजाला होती है जो जीवन कि ताकद को नई सुबह देकर ही आगे लेकर जाती है
जीवन मे हमे मन को समझकर आगे जाने कि जरुरत हर बार मेहसूस होती है जो दुनिया को नया मतलब देकर आगे लेकर जाती ही है
मन कि रोशनी ही तो सबसे अहम बात होती है जो हमे आगे लेकर जाती है बाकी कोई रोशनी जीवन मे अहम नही होती है
मन कि ताकद को परखकर समझकर आगे ले जाने कि जीवन कि जरुरत हर कदम पर होती है जिसे समझकर ही दुनिया आगे बढती ही है
रोशनी मे जीवन कि चीजे तो दिख जाती है पर उन्हे समझकर आगे जाने कि जरुरत हर मोड पर होती ही है उसे परख लेने कि ताकद अहम होती है
जिसमे दुनिया मतलब देकर बस जाती है रोशनी को कई किनारों कि जरुरत होती है पर मन कि रोशनी सबसे अहम हमेशा कह लाती है
रोशनी जो जीवन कि दिशाए बदलकर रखती है क्योंकि अँधेरे मे दिखी बाते जीवन पर अलग तरह का असर कर जाती है एहसास दे जाती है
रोशनी ही तो जीवन कि ताकद होती है जो मन को ताकद दे जाती है हमे आगे लेकर जाती है जो जीवन कि सुबह बन जाती है जीवन मे अलग असर देती है
रोशनी ही तो जीवन कि पेहचान होती है पर मन कि ताकद उस रोशनी से भर जाती है जीवन कि नई सुबह लेकर आती है आगे बढ जाती है

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