Friday 22 April 2016

कविता ६३७. मौसम का बदल जाना

                                                मौसम का बदल जाना
जब बारीश मौसम मे जीवन कि दिशाए बदलने कि जरुरत होती है हम उन्हे समझ लेते है जिनसे दुनिया खुबसूरत होती है
पर जब जब जीवन मे तूफानों कि आहट होती है तब तब दुनिया को समझ लेने कि मन को हर पल चाहत तो हर कदम होती ही है
मौसम का बदलाव तो अक्सर समझमे आता है जिसे परखकर आगे जाना जीवन कि जरुरत लगती है जो दुनिया बदलती है
मौसम का बदलते रहना दुनिया कि जरुरत तो होती ही है पर अगर बिना बजह इन्सान बदल जाये तो दुनिया को बदलकर दिशाए बनाने कि हर पल जरुरत होती है
जीवन मे मौसम बदल जाते है उनमे बदलाव कि अहमियत होती है जिन्हे समझकर हम आगे जाये उस दिशा को परख लेने कि जरुरत होती है
जब मौसम का बदलना अहम हो तो जीवन मे शुरुआत हर पल नई होती है जिसे परखकर दुनिया को आगे जाने कि जरुरत हर बार होती ही है
मौसम हर पल बदल जाते है दुनिया के सही सोच से बदल जाये तो ही वह जीवन को उम्मीदे हर पल देकर आगे चलते जाते है
मौसम को अलग तरह से जरुरत के समय बदल जाने कि जरुरत हर बार होती ही है मौसम ही तो दिशा बदलकर आगे चलते रहते है
मौसम ही तो अक्सर जीवन का मतलब होता है जो जीवन कि सही जरुरत होते है मौसम के बिना बजह जीवन को बदल देने कि जरुरत हर पल नही होती है
जब मौसम बिना बजह बदल जाये तो हम जीवन कि अलग सौगाद अक्सर पाते रहते है जिसमे जीवन के किनारे कई बार गलत तरीके से बदलते है 

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