Friday 29 April 2016

कविता ६५१. सूरज कि रोशनी मे दिखती चीज

                                               सूरज कि रोशनी मे दिखती चीज
सूरज कि रोशनी हर बार राह दिखाकर जाती है जिसके अंदर दुनिया को देखने कि कुछ ऐसी आदत पडती है कि हमारी दुनिया बदलती है
रोशनी के एहसास से ही जीवन कि कहानी बदलती है क्योंकि रोशनी के नीचे ही जीवन कि निशानी बनती है जो जीवन को आगे लेकर चलती है
सूरज कि किरणे ही आसानी से जीवन कि कहानी कहती है हमे साँसे अलग ही देती है जीवन कि निशानी बदलती है जीवन कि दिशाए फर्क कर के चलती है
सूरज के तपती धूप ही जीवन कि दिशाए दिखाती है जो हमे किसी मोड पर मिलकर हर बार हमसे जुदाई भी देकर हर पल आगे चलती है
सूरज को समझकर उसके अंदर गर्म हवाए चलती है जो जीवन को अलग असर देकर जीवन कि कहानी हर बार बदलकर दिखाते है
सूरज कि उन किरणों से ही तो जीवन कि निशानी आसानी से दिखती है उनसे ही जीवन कि कहानी हर पल हर मोड पर बनती है जो दुनिया बदलकर जाती है
सूरज को परख लेने कि कहानी दुनिया को कई बार बदलकर रखती है जिसे समझकर आगे जाने कि जीवन मे हर पल के अंदर जीवन कि अलग कहानी बनती है
सूरज के रोशनी के अंदर जीवन कि कहानी हर बार अलग नजर आती है जिसकी निशानी हर बार अलगसी दिखती है जो जीवन कि कहानी बनाती है
पर क्योंकि सूरज कि रोशनी मे चीजे कुछ ज्यादा ही सीधी दिखती है मन को लगता है जीवन मे हर बार चीजे ऐसे ही सीधी होती है
पर हर बार जो सीधा दिखता है वह सच्ची बात नही होती है वह हमारे जीवन को रोशनी नही देती है किनारों के मतलब अलग होते है हर बात सही नही दिख पाती है
तो मन से बातों को समझ लेना तभी तो सच्चाई दिख जाती है जीवन कि धारा को नई शुरुआत मिल पाती है दुनिया आगे बढती चली जाती है

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