Monday 25 April 2016

कविता ६४३. पानी का एहसास

                                                   पानी का एहसास
पानी कि धारा को समझकर ही जीवन कि बात समझमे आती है जिसके उपर जीवन को परखकर पानी कि धारा उम्मीदे देकर जाती है
पानी को लहरों के संग समझ लेने के लिए हर बार दिशाए बदलकर जाने कि जरुरत होती ही है जो हमे हर पल अक्सर ठंडक दे जाती है
जीवन को हर मोड मे पानी कि जरुरत होती ही है जिसकी शीतलता मे दुनिया को समझकर आगे बढने कि अहमियत होती ही है
पानी के अंदर मतलब को समझ लेने कि जरुरत हर पल जरुरत होती है पानी ही तो जीवन होता है जिसके बिना खुशियाँ कहाँ मिल पाती है
पानी को समझकर ही जीवन का एहसास बदलकर जाने कि आदत हर पल होती है पानी कि धारा हर बार दुनिया को बदलकर जाती है
पानी के हर हिस्से कि ठंडक समझ लेना जीवन कि जरुरत होती है शीतलता ही तो जीवन कि अहम जरुरत होती है जो मन को ठंडक देकर जाते है
पानी को कई किसम के एहसास आगे लेकर जाते है क्योंकि पानी को हम जीवन  समझकर ही तो आगे लेकर जाते है हर पल परखकर जाते है
जिन्हे जीवन मे हर बार समझ ले उन एहसास को पढकर हम आगे चलते जाते है पानी के मतलब को हर मोड पर समझ लेना चाहते है
पानी के अंदर जब हाथों को देखकर एहसास अलग से हो जाते है जब उन्हे पानी मे देखो अपने हाथ ही कुछ अलग नजर आते है
पानी कि शीतलता के संग पानी रुप नया दे जाता है पानी का एहसास जीवन को मतलब बहोत कुछ अलग देता है पानी ही जीवन कि खुशियाँ बन जाता है

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