Wednesday 13 April 2016

कविता ६१८. सही एहसास

                                                 सही एहसास
किसी एहसास को कह देना बडा आसान होता है तो किसी एहसास को जुबान बयान ही नही कर पाती है एहसास के फर्क मे ही तो जीवन कि कहानी छुपी होती है
हर बयान कि जुबान बडी अलग होती है जो हमे हर बार कुछ और ही बता कर जाती है जीवन कि कहानी नई लिखकर जाती है
क्योंकि एक ही एहसास के कई अलग अलग किस्से बनते है जो जीवन को कहानी हर बार अलग बनाकर आगे चली जाती है उम्मीदे देकर जाती है
एहसास के अंदर हर बार हम अपनी एक अलग कहानी लिख देते है कोई प्यार कि कहानी लिख जाता है जिसमे जीवन कि अलग खोज होती है
तो कोई दर्द भरी दास्तान लिखकर जाता है जो जीवन कि चोट बनकर नजर आती है एहसास तो एक ही पर नतीजे अलग अलग हर बार नजर आते है
पर किसी एहसास से जीवन कि दुनिया बदल जाती है उन एहसास कि दुनिया जीवन मे मुश्किल से ही मिल पाती है जो रोशनी लाती है
किसी एहसास को बार बार परख लेने कि जरुरत लगती है जब वह मन को छू जाता है क्योंकि वह एहसास हर बार साँसों तक पहुँच जाता है
और साँसों कि जरुरत जीवन मे होती ही है तो इसीलिए उन एहसासों को परख लेने कि हर मोड पर जरुरत अक्सर होती ही है
जीवन मे एहसास ही तो हमारी ताकद होती ही है जो हमे जीवन कि दास्तान बदलकर निकल जाते है इसलिए उन्हे पेहचान लेना जीवन कि जरुरत होती है
एहसास को परखकर ही जीवन कि अलग दास्तान बन जाती है जो हमारे लिए सच्ची खुशियाँ ला पाती है उस एहसास मे ही तो दुनिया सही रंग दे जाती है
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