Tuesday 5 April 2016

कविता ६०२. मन के अंदर कि ताकद

                                                  मन के अंदर कि ताकद
मन के अंदर कि ताकद जीवन को मतलब दे जाती है जीवन कि दिशाए बदल कर जीवन मे अलग एहसास आसानी से अक्सर दिखाती है
मन के अंदर जिन्दगी कि कई दिशाए नजर आती है जीवन मे एक मन को समझ लेते है तो दुनिया अलग तरह के रंग दिखाती है
मन के भीतर जीवन कि धारा बदलाव हर पल दिखाती है जीवन के अंदर कि दुनिया जीवन का एहसास हर मोड पर जीवन को समझ लेती है
मन कि ताकद को समझ ले तो जीवन मे अलग बात होती है जो जीवन कि धारा को बदल लेने कि सौगाद हर बार हर मोड पर होती है
मन के अंदर जिन्दगी कि शुरुआत हर मोड पर ही है मन कि समझ को परख लेते है तो मन कि असली जरुरत होती है जो रोशनी दे जाती है
मन को परख लेने कि सोच को हर बार जरुरत पडती ही है मन के अंदर ही जीवन कि चाहत दिखती ही है मन ही तो जीवन कि सच्ची ताकद होती है
जीवन मे मन को समझकर आगे जाने कि जरुरत हर मोड पर होती है क्योंकि मन कि बात जीवन मे जरुरी होती ही है जो हर बार अहम होती है
मन कि दिशाए हर बार जीवन को मतलब देकर जाती है वही तो जीवन को साँसे देकर आगे जाती हुई हर बार हर मोड पर अक्सर नजर आती है
मन कि ताकद हि तो जीवन कि रोशनी बन पाती है जीवन मे हमे हर बार आगे लेकर जाती है पर मन कि सोच को समझ लेना हमे कहाँ आता है
मन ही तो वह सबसे गेहरा तालाब होता है जिसे समझे बिना आगे जाना जीवन मे बहोत जरुरी और अक्सर अहम नजर आता है
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