Thursday 31 March 2016

कविता ५९३. हर बाजी

                                                  हर बाजी
जीवन कि हर बाजी को दो तरफा मतलब से हम अक्सर समझ लेते है जीवन कि हर बाजी को हम हमेशा जीने कि चाहत रखते है
हर बाजी को समझकर जीना आसान नही होता है क्योंकि हर बाजी के अंदर अलग अलग किसम के मतलब अक्सर छुपे होते है
बाजी तो बदलती रहती है उस बाजी के साथ हमे जीवन के रंग बदलने होते है जो जीवन कि बाजी को पलटकर दुनिया बदल देते है
बाजी तो जीवन कि कहानी अलग बना देती है पर हम बस इतना चाहते थे कि हम बाजी चुने पर आजकल हमारी बाजी किस्मत ही चुना करती है
बाजी के रंगों को बदलकर जीवन को समझ लेने कि जरुरत हम अक्सर रखा करते है जो बाजी को समझ ले उन्हे हम समझ लिया करते है
बाजी के अंदर एहसास अलग से दिखते है जिन्हे हम हर बार परखकर जीवन मे समझ लेते है और फिर आगे कई खयालों से समझकर बढते जाते है
बाजी तो जीवन कि कोई नई शुरुआत देकर जाती है जो हमे जीवन मे चुनौती देकर जाती है आगे लेकर नई सोच दिखा जाती है
जीवन मे हर मोड पर बाजी को समझ लेना जरुरी होता है बाजी के अंदर ही जीवन का एहसास जिन्दा होता है जो हमे साँसे दे जाता है
जीवन कि हर बाजी मुश्किल नही होती है पर उसे चुनना मुमकिन नही होता है तो चुन लो उस बाजी को जो हमे मिल जाती है
क्योंकि यह जीवन एक ऐसा तोहफा है जिसमे कुछ मिल जाये तो उसे ठुकराना आसान नही होता है वह जीवन पर असर हर बार कर जाता है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४७. अरमानों को दिशाओं की कहानी।

                       अरमानों को दिशाओं की कहानी। अरमानों को दिशाओं की कहानी सरगम सुनाती है इशारों को लम्हों की पहचान बदलाव दिलाती है लहरों...