Thursday 24 March 2016

कविता ५७८. बातों को समझ लेना

                                                 बातों को समझ लेना
बातों को समझ लेने से जीवन कि नई किरण दे जाती है बात के अंदर कई मतलब और कई तरीके हमे रोशनी दे जाते है
बात ही तो जीवन को मतलब दे कर जाती है बातों के अंदर हर बार वह अलग मतलब देकर  नजर आती है बाते तो हर बार समझ लेना जरुरी होता है
बातों के अंदर का एहसास ही तो हमे जीवन दे जाता है बात समझ लेने कि ही तो हर बार जरुरत होती है क्योंकि बात ही हमारे जीवन कि नसीहत होती है
बात जो जीवन कि दिशाए बदल कर जाती है हर बार उस बात को समझ लेने कि जरुरत हमारे मन को अक्सर होती ही है
बात जो जीवन के मतलब बदल कर जाती है उसमे ही तो अक्सर आगे बढने कि ताकद छुपी होती है जो जीवन को उम्मीदे देती है
एक बात जो जीवन मे दिशाए दिखाकर जाती है उस बात को तरह तरह से समझ लेने कि जरुरत होती है जो जीवन पर अलग अलग असर कर जाती है
एक बात को समझकर जी लेने कि हर बार जरुरत होती है पर बात जब बदलती है इन्सान कि किस्मत हर बार बदलती जाती है
बातों के अंदर कि दुनिया हर बार समझ कहाँ आती है हमे जीवन मे कई बार बाते समझ लेनी पडती है जो हमारी दिशाए बदलती है
बात जिसके अंदर कई खुशियाँ छुपी रहती है वह बात अक्सर हमारे जस्बात ही लेकर आती है जीवन मे हर मोड पर बाते समझ लेनी होती है
बात तो तभी सही है जब वह कोई सही दिखा जाती है एक बात के अंदर ही तो दुनिया कि कई उम्मीदे छुपी होती है क्योंकि बात रोशनी देती है
बातों मे ही तो जीवन कि सच्चाई छुपी होती है हर बार हर बात ही तो हमे जीने कि ताकद देती है सही बात ही जीवन कि उम्मीद बनकर आगे बढती है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४५. आवाज कोई सपनों संग।

                           आवाज कोई सपनों संग। आवाज कोई सपनों संग खयाल सुनाती है कदमों को उजालों की पहचान पुकार दिलाती है उम्मीदों को किनारो...