Friday 25 March 2016

कविता ५८०. कुछ कह देना है

                                                  कुछ कह देना है
कुछ कह देते है हम पर उसे समझ ले वह इन्सान अहम लगता है कुछ पर परख लेते है हम पर कही बाते समझ लेना मकसद लगता है
कई बार जीवन मे बस यही होता है जो बात कह देते है हम उसका मतलब बदलता जाता है कहना तो अक्सर आसान होता है
पर कोई सुनता है तो उस चीज को मतलब मिल जाता है कही हुई बातों को नया एहसास देकर जीवन हर बार आगे बढता जाता है
कह देना हर बार जीवन पर कुछ ना कुछ असर कर जाता है जो बात हम लोगों को कह जाते है वही बात हम जीवन मे समझ लेना चाहते है
कही हुई बातों को परखे तो कुछ लोग आगे जाते है पर कुछ बाते जीवन मे समझ लेना हम हर मोड पर चाहते है पर भुला कर जाते है
जीवन कि सही शुरुआत हम जीवन मे पाते है क्योंकि जीवन को जिन्दा हर बार हम चाहते है कही बातों से उसे समझ पाते है
फिर भी कभी कभी बाते समझसे परे निकल आती है जीवन का एहसास बदलती जाती है रोशनी देकर आगे ले जाती है
कहना अनदेखी बाते भी समझाकर जाता है क्योंकि कही बातों मे ही जीवन का मकसद निकल आता है जो नई दिशा दे जाता है
कहना तो जीवन कि शुरुआत होता है जो जीवन कि उम्मीदों का एहसास देता है क्योंकि कहना भी जीवन मे अहम हर बार होता है
बिना कही बाते भी तो जीवन को मतलब नया अलग दे जाती है जीवन कि हर राह को बिना कही बाते ही तो आगे ले कर जाती है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२४. बदलाव को लहरों की।

                                बदलाव को लहरों की। बदलाव को लहरों की मुस्कान कोशिश सुनाती है दिशाओं को नजारों संग आहट तराना सुनाती है आवाजों...