Thursday 3 March 2016

कविता ५३६. किसी बात को समझ लेना

                                             किसी बात को समझ लेना
किसी बात को समझ लेते है तो जीवन कि धारा बदल जाती है किसी बात के अंदर जीवन कि बाते नई सुबह दे कर जाती है
हर बार जीवन को समझ लेने से ही तो जीवन कि नई शुरुआत होती है जीवन मे ही तो हमारी दुनिया हमे आगे ले कर जाती है
जब हमे चीजे समझ लेने कि एक चाहत होती है उस चीज को परख लेने कि दुनिया को आदत होती है जो उसे आगे ले जाती है
हर बाते जब जब बदलने लगती है हमारी सोच उनके संग दुनिया को परखने लगती है जीवन कि सोच हर बार समझ लेना आसान नही होता है
पर हर सोच को हर मोड पर कोई किस्सा समझा देता है जीवन को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है जो जीवन को समझ हर बार देती है
पर हर बात के अंदर दुनिया यादे एक तरह कि कभी नही रखती है किसी बात को बिना कहे समझ लेने कि दुनिया को जरुरत नही होती है
जब बात को समझ ले तो दुनिया बदलती जाती है पर हर बात मे उस बात से जुडे जस्बात को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है
जीवन मे कई बाते तो आती जाती रहती है उन बातों को समझ लेने कि कहानी हर बार पढनी पडती है जो जीवन को उम्मीदे देती है
बातों को मतलब तो जीवन कि उम्मीदे हर बार देती है जीवन मे बातों को समझ लेने कि अहमियत हर बार बनती है
बाते ही जीवन को समझ लेने कि जरुरत हर मोड पर होती है जो हमारी दुनिया बदलती है बातों के अंदर ही तो जीवन कि सच्चाई बसती है

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