Friday 5 February 2016

कविता ४८३. हवा के अंदर की सोच

                                                            हवा के अंदर की सोच
जब हवाए जीवन में आ जाती है हवा से एहसास अलग सोच हर बार जीवन को बदल जाना जरुरी नजर आता है हवा को समझ लेना भी जरुरी होता है
पर हर बार हवा को मेहसूस करे और फिर उसके साथ चले यह अक्सर जरुरी होता है हवाओं को समझ लेना जीवन में अहम तो होता है क्योंकि उनके साथ हालात हर बार अलग हो जाते है
हवा तो बदलती जाती है जिसे परख लेते है तो ही जीवन में बदलाव तो होता ही है क्योंकि हवा यह सोच से बनती है उस सोच को परख लेना जरुरी है
हवाओं के अंदर सोच तो अलग एहसास देती है जो जीवन की जरूरत को रोशनी और हमे उम्मीदे दे जाती है सोच के साथ जीवन का हिस्सा बदलती रहती है
सोच में अलग तरीके तो होते है उन्हें परख लेना जरूरी बात होती है सोच के अंदर दुनिया की अलग कहानी होती है जो दुनिया को मतलब दे जाती है
सोच को तो समझ लेते है हम अपनी क्योंकि उसके बजह से ही अपनी कहानी बनती है पर कभी कभी दुसरे की सोच भी जीवन में निभानी पड़ती है
पर गलत सोच को अपनाना हमारे जीवन में कहाँ मुमकिन हो पाता है उसे समझ लेना जिसे जीवन कुछ एहसास देते जरुरी नजर आता है दूसरों की सोच हर बार सुहानी नहीं होती है
उसे अपनाने को कितना भी दुनिया कह दे गलत सोच से दूर रहो क्योंकि जब फस जाते है तो पीट दिखाने की दुनिया की आदत बड़ी पुरानी होती है
तो अपनी सोच से चलना बेहतर है क्योंकि उस सोच की जो भी किंमत हो वह किंमत तो चुकानी पड़ती ही है जिसे जमाने से पाये और समझ लेते है वह सोच अपनी बनानी ही सही लगती है
सोच को समझ लेना जीवन की बात अहम और जरूरी होती है सोच के अंदर अलग अलग कहानी हर बार छुपी हुई होती है सोच के अंदर अलग कहानी बँसी हुई है 

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