Sunday 21 February 2016

कविता ५१५. सुंदरता मन कि ताकद

                                                      सुंदरता मन कि ताकद
सुंदरता मन कि हो तो रोशनी बन कर आगे आती है वही तो अपने जीवन मे नई ज्योत लाती है सुंदरता मन को एहसास दे जाती है
सुंदरता ही मन को सोच कि नई रोशनी दे जाती है पर हमे वह सुंदरता कहाँ अहम लगती है वह सुंदरता जो हमे खुशियाँ दे जाती है
वह मन कि सुंदरता ही तो दुनिया मे अहम जरुरत नजर आती है सुंदरता उस मन से किंमत तो हर बार उम्मीद दे जाती है सुंदरता जरुरी होती है
सुंदरता मन की हर बार कोई ना कोई आशा तो मन को देती है सुंदरता ही मन के लिए अहम होती है जो हमे आगे ले जाती है
सुंदरता ही जीवन में सबसे बड़ी चीज नजर आती है सुंदरता ही तो जीवन की सही ताकद होती है सुंदरता ही हमे अहम नजर आती है
सुंदरता के अंदर जीवन की चाहत  हमे उम्मीद तो हर बार दे ही जाती है सुंदरता ही जीवन की सही ताकद होती है जो हमे आगे ले जाती है
सुंदरता तो मन की कभी कभी हमे मुश्किल भी दे जाती है जब हम इन्साफ चाहते है पर दुनिया उस इन्साफ को अनदेखा करहमार है
सुंदरता में ही जीवन की रोशनी दे जाती है मन के अंदर अलग रोशनी दे जाती है मन में सारी रोशनी हमे नई सोच दे जाती है
मन को मतलब की तो हर बार जरूरत तो होती है पर अगर बस हम उसे चाहे तो ही जीवन की शुरुआत होती है हमारे मन की अच्छाई तो जीवन की जरूरत होती है
सुंदरता ही मन की ताकद होती है जिसके वजह से मुश्किल बात हर बार आसान होती है सही बात को समझ लेने की दुनिया को जरूरत होती है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१५०. अफसानों की समझ अक्सर।

                           अफसानों की समझ अक्सर। अफसानों की समझ अक्सर आवाज दिलाती है तरानों को कदमों की आहट परख दिलाती है दास्तानों को एहसास...