Sunday 10 January 2016

कविता ४३०. चीजों की अहमियत

                                                                चीजों की अहमियत
कोई बात जीवन मे अहम नजर आती है पर उसकी असली अहमियत वक्त ही बताता है उसे समज लेना हर बार जरुरी नजर आता है क्योंकि वक्त ही हमारी साथ देता है
कब क्या सच है कब क्या झूठ है उसे समज लेना जीवन कि जरुरत होती है पर वह तभी तो समज आता है जब उस पर चलना हमे हर बार समझता है
क्या सही क्या गलत उनसे ही तो पता चलता है कभी कभी जरुरी चीज भी अहम नही होती है और कोई सीधी चीज भी जीवन कि जरुरत बनकर सामने नजर आती है
चीजों को परख लेना आसान नही होता है कभी उनमे मुश्किल बातों का एहसास भी होता है चीजे हर बार सही राह नही देती है कभी चीज गलत कभी सही नतीजा दे जाती है
जब चीजे सीधी हो तो भी मतलब अलग नजर आते है जिनके अंदर कोई सोच अलग होती है जो जीवन पर असर हर बार कर जाती है जो बात अलग होती है
सीधी बातें ही जीवन में हर पल वही एहसास नहीं देती है चीज तो जीवन पर अलग असर हर बार कर जाती है हम परख लेते है चीजों को तो मतलब अलग बनते है
उन चीजों का अर्थ समज लेने की शुरुआत अलग होती है उन बातों में जीवन की साँस हर बार बनती है अगर चीजे परख ले तो जीवन में सौगाद नई बनती है
जिसे समझ लेते है तो जीवन की प्यास कुछ अलग ही बनती है हम समझ तो लेते है जीवन को पर वह एहसास हर बार सोच अलग होती है
जीवन के अंदर हर बार सोच का अलग एहसास जीवन को साँस देता है पर चीजों की अहमियत हर बार नई सोच रोशनी की तरह जीवन में एहसास अलग तरह का देती है
जीवन में चीजो की जरूरत होती है उन चीजों को समज लेने से ही जीवन में हर बार सही तरह की दिशा हमे मिलती है पर चीज समज लेने की हर बार जरूरत होती है 

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